उत्तराखंड: 16 शिक्षकों को शैलेश मटियानी पुरस्कार, राजभवन में सीएम धामी और राज्यपाल ने किया सम्मानित
प्रदेश के 16 शिक्षाें को शैलेश मटियानी पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रारंभिक शिक्षा के नौ, माध्यमिक के पांच और प्रशिक्षण संस्थान एवं संस्कृति शिक्षा के एक-एक शिक्षक शामिल हैं।
प्रदेश के 16 शिक्षकों को आज शिक्षक दिवस के मौके पर शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार सम्मान मिला। राज्यपाल ले. जन गुरमीत सिंह ने शिक्षकों को राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित किया। वर्ष-2024 में चयनित 09 प्रारम्भिक शिक्षक, 05 माध्यमिक शिक्षक, 01 शिक्षक प्रशिक्षक एवं 01 संस्कृत शिक्षक को यह सम्मान प्रदान किया गया है।
राज्यपाल ने पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान पूरे शिक्षक समाज की मेहनत और तपस्या का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले ही नहीं, बल्कि चरित्र, नैतिकता और जीवन मूल्यों के निर्माता होते हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं होना चाहिए, अध्यापक बच्चों को संस्कारवान, जिम्मेदार और राष्ट्रभक्त नागरिक बनाने में योगदान दें।
राज्यपाल ने कहा कि माता-पिता के बाद गुरु ही बच्चों के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं और बच्चों का भविष्य सही दिशा में ले जाने में उनकी सबसे बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने में शिक्षकों का योगदान निर्णायक रहेगा। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र रहा है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि हम इस परंपरा को और मजबूत बनाएं।
शैलेश मटियानी पहाड़ के दर्द और संवेदनाओं को गहराई से समझने वाले कथाकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपने अनुभव, ज्ञान और परिश्रम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और भविष्य को संवारने की शिक्षकों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। मुख्यमंत्री ने शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शैलेश मटियानी पहाड़ के दर्द और संवेदनाओं को गहराई से समझने वाले कथाकार थे। उन्होंने कथा-साहित्य के साथ-साथ गद्य और सामयिक चिंतन में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी। शैलेश मटियानी ने भी अपनी कहानियों और उपन्यासों में उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों और ग्रामीणों के संघर्ष को शब्दों के माध्यम से पिरोया।
प्रारंभिक शिक्षा में पौड़ी जिले से डॉ. यतेंद्र प्रसाद गॉड, चमोली से रंभा शाह, उत्तरकाशी से मुरारी लाल राणा, हरिद्वार से ठाट सिंह, टिहरी गढ़वाल से रजनी मंगाई, रुद्रप्रयाग से मिली बागड़ी, चंपावत से नरेश चंद्र, पिथौरागढ़ से दीवान सिंह कठायत, अल्मोड़ा से डॉ. विनीता खाती को सम्मानित किया जाएगा। जबकि माध्यमिक शिक्षा में पौड़ी गढ़वाल से पुष्कर सिंह नेगी, उत्तरकाशी से गीतांजलि जोशी, देहरादून से डॉ. सुनीता भट्ट, चंपावत से प्रकाश चंद्र उपाध्याय और अल्मोड़ा से दीपक चंद्र बिष्ट सम्मानित किया गया।

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