Big breaking :-उर्वशी रौतेला का एक और झूठ कह डाली ऐसी बात की नाराज हों गए तीर्थं पुरोहित - News Height
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Big breaking :-उर्वशी रौतेला का एक और झूठ कह डाली ऐसी बात की नाराज हों गए तीर्थं पुरोहित

 

उर्वशी रौतेला का मंदिर बद्रीनाथ के पास है… दावा सच या झूठ? हो गया पर्दाफाश, जानें पूरी सच्‍चाई

उर्वशी रौतेला मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार शहर से आती हैं. उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू में दावा कर दिया कि उत्‍तराखंड में बद्रीनाथ धाम के पास में उनका मंदिर है. यह सच या झूठ, आइये जानते हैं…

 

बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपने इंटरव्‍यू में अक्‍सर ऊल-जलूल बातें करने के लिए चर्चा में रहती हैं… लेकिन इस बार तो उन्‍होंने ऐसा दावा कर दिया, जिसे सुन सभी चौंके हुए हैं. उर्वशी ने दावा किया है कि चार धाम में बद्रीनाथ मंदिर के पास उनका मंदिर है. बद्रीनाथ के पास मौजूद उर्वशी मंदिर को उन्‍होंने अपना मंदिर बताया. यह भी कहा कि यहां लोग उनकी पूजा तक करने आते हैं. और अब उनकी इच्‍छा है दक्षिण भारत में भी उनका एक मंदिर बने. अब एक्‍ट्रेस ने ये दिमाग हिला देने वाला दावा किया तो इसकी सच्‍चाई जानना भी जरूरी हो गया

पड़ताल में अभिनेत्री की ये बात बेहद फर्जी यानि कोरा झूठ निकली. और तो और इस दावे पर बद्रीनाथ से जुड़े तीर्थ पुरोहित तक भड़क गए हैं.

दरअसल, यूट्यूबर-ब्रॉडकास्‍टर सिद्दार्थ कन्नन के साथ एक पॉडकास्ट में उर्वशी रौतेला ने दावा करते हुए कहा कि “बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन करने जाओगे तो उसके बाजू में एक टेंपल है, उर्वशी”. जब प्रेजेंटर ने पूछा कि मंदिर आपके नाम पर है, आपके लिए डेडीकेटेड है? तो जवाब में उर्वशी बोलीं “हां वहां उर्वशी मंदिर है

आइये जानते हैं मां उर्वशी मंदिर के बारे में
मां उर्वशी मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले के बामणी गांव में स्थित है. बामणी गांव, बद्रीनाथ धाम से करीब एक किलोमीटर की दूरी है. बद्रीनाथ धाम आने वाले अधिकतर यात्री इस मंदिर के भी दर्शन करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, मंदिर से जुड़ी दो कहानियां प्रचलित हैं. एक मान्यता के अनुसार, माता सती को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने पृथ्वीलोक का भ्रमण किया और सुदर्शन चक्र से सती के कई टुकड़े किए. एक टुकड़ा बामणी गांव में भी गिरा, जहां उर्वशी मंदिर बना.

एक अन्य मान्यता के मुताबिक, जब भगवान विष्णु बद्रीनाथ में तपस्या कर रहे थे, तब उनकी गहन साधना के फलस्वरूप जांघ से एक अत्यंत सुंदर अप्सरा का जन्म हुआ, जिनका नाम उर्वशी था. उर्वशी को स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सराओं में से एक माना जाता है. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, उर्वशी ने बामणी गांव के निकट क्षेत्र में कुछ समय बिताया, इसलिए वहां उनकी पूजा मां उर्वशी देवी के रूप में की जाती है.

उर्वशी के दावे को लेकर बद्रीनाथ से जुड़े तीर्थ-पुरोहित भड़क गए हैं. बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन नौटियाल ने

बताया कि मां उर्वशी मंदिर में स्थानीय भक्तों का आना-जाना बना रहता है. मंदिर में विशेष रूप से नवरात्रों के मौके पर धार्मिक आयोजन होता है. मां उर्वशी मंदिर को भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है. पूर्व धर्माधिकारी ने कहा कि देवी के मंदिर को अपने नाम से जोड़ना ठीक नहीं है.

 

वहीं मंदिर को लेकर उर्वशी रौतेला के दावे पर ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष अमित सती ने कहा कि एक्टर उर्वशी के बयान ने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. अमित सती ने

कहा कि “उर्वशी अपने बयान पर माफी मांगे, वरना परिणाम के लिए वो तैयार रहें”.

गौरतलब है कि उर्वशी रौतेला मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार शहर से आती हैं. उर्वशी के पिता की कोटद्वार में एक दुकान है. उत्तराखंड कनेक्शन के चलते उर्वशी का पहाड़ से जुड़ाव रहा है.

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Author: Swati Panwar
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