हॉस्टल में छात्रों के खाने में निकले कीड़े पर किया हंगामा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने खाने के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे
बता दें कि सिपेट डोईवाला में चार हास्टल हैं जिसमें करीब सौ बच्चे रहते हैं। गुरुवार को जब हास्टल में रहने वाले छात्र-छात्राएं दोपहर के भोजन के लिए आए। उन्हें भोजन परोसा गया तो उसमें कीड़े मिले जिस पर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। छात्र शिवम कुमार का कहना था कि पूर्व में भी कई बार खाने में कीड़ा निकलने की शिकायत कैंटीन संचालक को की गई।
केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) डोईवाला के हास्टल में छात्रों को दिए जाने वाले भोजन में कीड़े मिलने पर छात्रों ने हंगामा किया। हंगामे और भोजन में कीड़े मिलने की सूचना पर डोईवाला पुलिस और वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने छात्रों को शांत कराया और वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उक्त भोजन की जांच की तो उसमें कीड़े दिखाई दिए। जिसके बाद उन्होंने भोजन के सैंपल भरे और जांच के लिए भेजे। इस मामले में सिपेट प्रबंधन ने हास्टल में खाना सप्लाई करने वाले कैंटीन संचालक को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। साथ ही ठेकेदार का टेंडर निरस्त करने की बात कहते हुए जल्द ही नई निविदा जारी करने की बात भी कही है।
बता दें कि सिपेट डोईवाला में चार हास्टल हैं, जिसमें करीब सौ बच्चे रहते हैं। गुरुवार को जब हास्टल में रहने वाले छात्र-छात्राएं दोपहर के भोजन के लिए आए। उन्हें भोजन परोसा गया तो उसमें कीड़े मिले, जिस पर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। छात्र शिवम कुमार का कहना था कि पूर्व में भी कई बार खाने में कीड़ा निकलने की शिकायत कैंटीन संचालक को की गई। परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं है उसमें कई बार कीड़े निकलते हैं । इस तरह के भोजन को देकर छात्रों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
छात्र वंश वर्मा सहित अन्य छात्रों ने आरोप लगाया कि कैंटीन संचालक निम्न गुणवत्ता का खाना परोसा रहा है। भोजन में कीड़े मिलने की सूचना पर वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने परोसे गए भोजन की जांच की उसमें कीड़े नजर आए जिस पर उन्होंने उक्त भोजन के सैंपल भरे। उन्होंने बताया कि इसकी जांच कराकर दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में सिपेट संस्थान के संयुक्त निदेशक अभिषेक राजवंश ने बताया कि हास्टल में खाना परोसने का कार्य टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से पहाड़ी वाइब को दिया गया है। यहीं छात्र-छात्राओं का हास्टल में रहने व खाने का जिम्मा संभालता है।
करीब तीन-चार वर्षो से इस कार्य को कर रहा है। उन्होंने बताया पूर्व में भी कैंटीन संचालक के विरुद्ध छात्रों ने खराब खाना परोसने की शिकायत दी थी। जिसके बाद कैंटीन संचालक को नोटिस जारी कर भोजन की गुणवत्ता में सुधार कराया गया था। साथ ही समय- समय पर हास्टल वार्डन को खाने की जांच करने के भी निर्देश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि संस्थान के चार हास्टल में वर्तमान में लगभग सौ बच्चे निवास कर रहे है।
अब दोबारा खाने की गुणवत्ता में शिकायत मिलने के बाद इसे लापरवाही मानते हुए ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही उसके टेंडर को निरस्त कर नई निविदा प्रक्रिया को भी एक सप्ताह के भीतर जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि खाने की निगरानी के लिए छात्रों की भी एक कमेटी बनाई जाएगी पूर्व में यह कार्य हास्टल वार्डन की देखरेख में ही किया जाता रहा है। जिससे भोजन की गुणवत्ता की पुख्ता निगरानी हो सकेगी। साथ ही इस तरह की शिकायत नहीं मिलेगी
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