भोले की भक्ति का अनोखा रंग: दिव्यांग मोहित ने भरी हौसलों की उड़ान, एक पैर पर चलकर गंगाजल लेने पहुंचे हरिद्वार
मन में सच्ची आस्था और मजबूत इरादा हो तो पहाड़ जैसी चुनौती भी आसानी से पार हो जाती है। ऐसी आस्था और मजबूत इरादों के साथ एक पैर से दिव्यांग मोहित गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।
मोहित की आस्था और इरादा देखकर लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। नारसन में उनके साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। हरियाणा के सोनीपत निवासी मोहित एक पैर न होने के बावजूद हरिद्वार से सोनीपत कलश में गंगा जल भरकर कंधे पर कांवड़ लेकर निकले हैं।
मोहित के साथ दो और साथी भी उनके हर कदम पर साथ दे रहे हैं। शुक्रवार को मोहित और दो दोस्त कांवड़ लेकर नारसन कस्बे से गुजरे तो लोगों ने उन्हें रोक लिया और मोबाइल से उनके साथ सेल्फी ली।
मोहित ने बताया कि जब वह 11 साल के थे उन्हें बोन कैंसर हुआ था। इसकी वजह से उनका एक पैर काटना पड़ा था। मोहित ने बताया कि उन्हें बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग का शौक था। बचपन में पैर कट जाने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और बॉडी बिल्डिंग का फैसला लिया।
उन्होंने बताया कि बॉडी बनाकर उन्होंने कई बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर कई पुरस्कार भी जीते हैं। साथ ही वह 10 बार मिस्टर इंडिया रह चुके हैं।
मोहित का मन था कि वह हरिद्वार से कांवड़ लेकर आएंगे। इसके लिए परिवार ने भी उनका साहस बढ़ाया था। दो दोस्तों ने भी उनका हौसला बढ़ाया और वह उनका सहारा बनकर कांवड़ लेकर निकल पड़े हैं।
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