उत्तराखंड में भी जल्द लागू हो सकती है यूनिफाइड पेंशन स्कीम! केंद्रीय कर्मचारियों जैसा मिलेगा फायदा
28 अगस्त को होने वाली पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की बैठक है। बैठक में यूपीएस के क्रियान्वयन को लेकर कदम बढ़ाने पर विचार-विमर्श संभव है। यूपीएस को लेकर केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने से पहले ही प्रदेश सरकार इस प्रकरण पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे सकती है। महाराष्ट्र सरकार पेंशन स्कीम की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है।
उत्तराखंड के राजकीय, सार्वजनिक क्षेत्र एवं निकायों के कर्मचारियों को भी केंद्रीय कर्मचारियों की भांति यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का लाभ मिल सकता है।
प्रदेश की भाजपा सरकार इस निर्णय के क्रियान्वयन को लेकर कदम बढ़ा सकती है। 28 अगस्त को होने वाली पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की बैठक है। बैठक में इस विषय पर विचार-विमर्श संभव है।
प्रदेश में कर्मचारियों और शिक्षकों के संगठन लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को क्रियान्वित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
मांगों के समर्थन में केंद्र को भेजा जा चुका है प्रस्ताव
प्रदेश सरकार की ओर से कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में केंद्र को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अब केंद्र सरकार इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस का महत्वपूर्ण निर्णय क्रियान्वित करने जा रही है।
कर्मचारियों की बढ़ी उम्मीदें
केंद्र सरकार के इस निर्णय से राज्य में भी कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में कर्मचारियों के हित में कई निर्णय किए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपीएस को उत्तराखंड में भी लागू किया जा सकता है। अभी तक महाराष्ट्र सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी है।
उत्तराखंड सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन और भत्तों के साथ ही पेंशन की सुविधा केंद्र सरकार के साथ समानता के आधार पर ही उपलब्ध करा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार के इस निर्णय की अधिसूचना और विस्तृत गाइडलाइन जारी होने की प्रतीक्षा की जा रही है।
28 अगस्त को होनी है बैठक
माना जा रहा है कि यूपीएस को लेकर केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने से पहले ही प्रदेश सरकार इस प्रकरण पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे सकती है। 28 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल की सचिवालय में बैठक होनी है। बैठक में यह विषय आ सकता है।
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार के निर्णय के बाद प्रदेश सरकार के लिए इस विषय पर किसी प्रकार की दुविधा के संकेत नहीं हैं।
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