जेल में बंद विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिजनों ने किया हंगामा
भगवानपुर थाना क्षेत्र के जहाजगढ़ निवासी श्रवण कुमार दुष्कर्म के आरोप में बंद था।परिजनों को सूचना मिली कि श्रवण की तबीयत ठीक नहीं है उसे अस्पताल लाया गया है। सूचना पर जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि श्रवण की मौत हो चुकी है।
जेल में बंद एक विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस और जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह मौत हुई है। मृतक की मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है
भगवानपुर थाना क्षेत्र के जहाजगढ़ निवासी श्रवण कुमार दुष्कर्म के आरोप में बंद था। श्रवण कुमार के परिजनों ने बताया कि उन्हें बृहस्पतिवार की सुबह सूचना मिली कि श्रवण की तबीयत ठीक नहीं है उसे अस्पताल लाया गया है। सूचना पर जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि श्रवण की मौत हो चुकी है। श्रवण के परिजनों ने बताया कि उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज था। जिसमें वह जमानत पर रिहा था।
करीब 20 दिन पहले जिन लोगों ने श्रवण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था उन्होंने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की थी। उपचार के लिए उसे शहर के विनय विशाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। श्रवण मुकदमे की तारीख पर भी नहीं जा पा रहा था। जिसके चलते उसके खिलाफ वारंट जारी हुए थे।
करीब 12 दिन पहले श्रवण को अस्पताल से छुट्टी मिली तो वह उसे घर ले आए। श्रवण के घर आते ही पुलिस आ गई और उसे पकड़ कर ले गई। इसके बाद उसे जेल में बंद कर दिया गया। जेल वह उससे कई बार मिलने गए। जहां उसने उन्हें बताया था कि वह बहुत ज्यादा तकलीफ में है। जेल में उसका उपचार नहीं कराया जा रहा है। उससे कुछ खाया पिया भी नहीं जा रहा है।
परिजनों ने जेल प्रशासन से उसका ठीक से उपचार कराए जाने की भी मांग की थी लेकिन उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्हें बताया गया कि उसे अस्पताल में भर्ती कराकर उसका उपचार कराया जा रहा है, लेकिन उसे कहीं पर भी भर्ती नहीं कराया गया था। उपचार न मिलने की वजह से श्रवण की मौत हुई है। अस्पताल की इमरजेंसी में उनका उपचार कराया गया है।
जेल में बंद विचाराधीन बंदी की हेड इंजरी पहले से ही थी और उसका उपचार चल रहा था। उसे हायर सेंटर के लिए रेफर किया था, लेकिन उससे पहले ही सुबह उसकी मौत हो गई।
– जेपी द्विवेदी, जेल अधीक्षक, रुड़की उपकारागार
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