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Big breaking :-UKSSSC पेपर लीक केस: जनसंवाद में युवाओं ने किए खुलासे; कहा-परीक्षा दोबारा कराएं, जिम्मेदार अधिकारियों को हटाएं

UKSSSC पेपर लीक केस: जनसंवाद में युवाओं ने किए खुलासे; कहा-परीक्षा दोबारा कराएं, जिम्मेदार अधिकारियों को हटाएं

उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता वाले एकल सदस्यीय जांच आयोग ने जनसंवाद किया जिसमें अभ्यर्थियों, शिक्षकों व अन्य लोगों ने यूकेएसएसएससी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में बुधवार को एकल सदस्यीय जांच आयोग के जनसंवाद में कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा इंतजामों में गड़बड़ी से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे किए। साथ ही जल्द पुन: परीक्षा कराने और जिम्मेदार अधिकारियों को पद से हटाने की मांग की ताकि भविष्य में परीक्षा की शुचिता बरकरार रहे और परीक्षार्थियों का भरोसा कायम हो सके।

 

उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता वाले एकल सदस्यीय जांच आयोग ने आईआरडीटी सभागार में जनसंवाद किया जिसमें अभ्यर्थियों, शिक्षकों व अन्य लोगों ने यूकेएसएसएससी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि बार-बार हो रहे पेपर लीक से उनका भरोसा टूट गया है और वे मानसिक तनाव झेल रहे हैं।

 

आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल
– सुबह 10:30 बजे पेपर बांट दिया : एक अभ्यर्थी अखिलेश सिंह ने बताया कि उनका सेंटर दूधली स्थित एक स्कूल में था। उस सेंटर में पेपर सुबह 10:30 बजे ही बांट दिया गया था जबकि समय 10:45 निर्धारित था।

– परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी ढंके थे : अभ्यर्थी पंकज ने बताया कि उनका सेंटर विकासनगर स्थित एक स्कूल में था। उनके सेंटर के सीसीटीवी कैमरे ढके थे, उन्होंने उस पर सवाल उठाया तो परीक्षा निरीक्षक ने टाल दिया था।
– स्मार्ट वॉच जाने दी : एक अभ्यर्थी नवप्रभात बहुगुणा ने महत्वपूर्ण खुलासा किया कि वह स्मार्ट वॉच पहनकर परीक्षा देने गए थे। जांच में उनको जाने दिया गया, बाद में उन्होंने खुद सेंटर निरीक्षक को बताया कि उन्होंने स्मार्ट वॉच पहनी है तब उन्होंने उसे जमा कर लिया।
– चमोली निवासी सचिन पुरोहित ने बताया कि उनके रानीपोखरी स्थित सेंटर पर मैटल डिटेक्टर लगा ही नहीं था। यह कैसी जांच व्यवस्था है जो एक समान नहीं थी। कहीं जैमर नहीं थे तो कहीं मैटल डिटेक्टर नहीं लगे थे। कहीं सख्ती थी तो कहीं बहुत ढिलाई रही। कहीं वॉशरूम जाने की इजाजत थी, कहीं नहीं थी।
– चमोली से आए सोहन रावत ने बताया कि उनके परीक्षा सेंटर पर निरीक्षक थकने के बाद स्टूडेंट के बीच पीठ करके बैठ गए थे। उस समय ऐसा लगा कि मानो परीक्षा कक्ष पर कोई निरीक्षक नहीं था।
– एक अभ्यर्थी आर. मेहर ने कहा कि उसे जो सवाल पत्र मिला वह फटा हुआ था, जबकि वह सील में था।
– निरीक्षक मोबाइल लेकर कैसे आए : अभ्यर्थी राजेंद्र रावत ने बताया कि उनका सेंटर नेपाली फार्म के पास था। नियम है कि सेंटर में किसी पर मोबाइल नहीं होगा लेकिन उनके परीक्षा निरीक्षक के पास मोबाइल था।

प्रमुख मांगें
– परीक्षा निरस्त कर जल्द पुन: परीक्षा करवाएं
– मामले की सीबीआई जांच जल्द शुरू की जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि हाकम सिंह छोटा मोहरा है, उसके पीछे बड़े लोग हैं, उनका खुलासा होना चाहिए।
– ओएमआर शीट पर पांचवें विकल्प के रूप में नोटा को शामिल किया जाए ताकि कोई अभ्यर्थी सवाल का जवाब नहीं आने पर खाली शीट न छोड़ सके।
– यूकेएसएसएससी उन किताबों की लिस्ट सार्वजनिक करे जिससे सवाल लिए जाते हैं ताकि अभ्यर्थी तैयारी कर सकें। आरोप लगाया कि कहीं से भी सवाल पूछने की वजह से तैयारी करने वाले अभ्यर्थी पिछड़ जाते हैं। इससे पेपर खाली छोड़ने वालों पर शंका पैदा होती है। इसके लिए प्रश्न पेपर बनाने वाले विशेषज्ञों के लिए भी दिशा-निर्देश तय किए जाएं। सिलेबस के अंदर से ही सवाल बनाए जाएं और मानक शब्दावली (क्षेत्रीय भाषाओं के लिए) जारी हो।
– केंद्र सरकार के लोक सेवा आयोग से संपर्क कर उनकी कार्यप्रणाली को समझा जाए। उसके अनुसार यूकेएसएसएससी की परीक्षा करवाई जाए जिसमें नियम एक सामान हों।
– परीक्षा सेंटर के लिए सरकारी शिक्षण संस्थानों को ही चुना जाए, निजी को नहीं।
– फिक्स नियम बनाए जाएं, बार-बार नियम न बदलें (जैसे वॉशरूम जाने की अनुमति)।
– अभ्यर्थियों के गेट पर ही थंब इंप्रेशन लिए जाएं और हर कक्ष में परीक्षा की फोटोग्राफी-वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई जाए ताकि किसी परीक्षार्थी पर संदेह हो तो फुटेज या वीडियो से जांच की जा सके।
– नकल के आरोपी खालिद ने पांच फॉर्म किस आधार पर भरे। एप्लीकेशन फॉर्म भरते समय ऐसा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल हो कि एक अभ्यर्थी एक ही फॉर्म भर सके।

ये शंका जताई
– धराली और थराली की आपदा के कारण परीक्षा रद्द करने की मांग को ठुकराना।
– नकल विरोधी कानून में स्पष्टता के बावजूद आयोग की ओर से पेपर लीक को नहीं स्वीकार करना।

न्यायमूर्ति ध्यानी का आश्वासन
संवाद के अंत में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने कहा कि यह जांच आयोग सभी जगह सुनवाई करके सरकार को रिपोर्ट देगा और रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अनुशंसा भी करेगा। इसके बाद निर्णय सरकार के स्तर पर होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक के संवादों से यह सामने आया है कि परीक्षा में सुधार और पारदर्शिता की गुंजाइश है। उन्होंने निष्पक्ष और सटीक रिपोर्ट देने का विश्वास दिलाया जिसमें सभी सुझावों का समावेश होगा और संवाद करने वालों का विवरण भी रिपोर्ट में दिया जाएगा।

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Author: Pankaj Panwar
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