UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-UCC : उत्तराखंड में तेजी से हो रहा जनसंख्‍या बदलाव, समिति की रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

NewsHeight-App

Uniform Civil Code: उत्तराखंड में तेजी से हो रहा जनसंख्‍या बदलाव, समिति की रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

 

: सामान्य परिचय में जनसांख्यिकीय और उसमें तेजी से हो रहे परिवर्तन का विशेष उल्लेख

विशेषज्ञ समिति ने उत्तराखंड के सामान्य परिचय में पहाड़ों से पलायन और मैदानों में जनसंख्या वृद्धि का किया उल्लेख
जनसंख्या नियंत्रण और सख्त भू-कानून को लेकर उठते स्वरों को भविष्य में इस रिपोर्ट से मिल सकता है विशेष बल

 

 

जनसंख्या नियंत्रण का विषय भले ही उत्तराखंड के लिए बनाई गई समान नागरिक संहिता की सीमा से बाहर रखा गया हो, लेकिन संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने वाली विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन और मैदानी क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय में आए परिवर्तन काे निशाने पर लिया

 

 

 

यद्यपि रिपाेर्ट में यह उल्लेख उत्तराखंड के सामान्य परिचय के संदर्भ के रूप में सीमित है, लेकिन यही संकेत भविष्य में जनसंख्या नियंत्रण और नए भू-कानून को लेकर उठने वाले स्वरों को बल देने के तौर पर देखा जा रहा है।

 

 

जनसंख्या नियंत्रण को लिया ही नहीं गया
समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति को जिन बिंदुओं पर काम करने का दायित्व दिया गया था, उनमें जनसंख्या नियंत्रण को लिया ही नहीं गया। इसी कारण समिति ने भी समान नागरिक संहिता को कानून बनाने के संबंध में तैयार किए गए ड्राफ्ट में इस बिंदु को नहीं लिया।

 

 

 

ध्यान देने योग्य यह भी है कि समान नागरिक संहिता की आवश्यकता के लिए जिन विषयों को केंद्र में रखकर चर्चा आगे बढ़ी, उनमें उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इस क्षेत्र में तेजी से जनसांख्यिकीय परिवर्तन प्रमुख रूप से सम्मिलित रहा है। विशेषज्ञ समिति ने अपने ड्राफ्ट में इस विषय से दूरी बनाए रखी।

 

 

यह अलग बात है कि समिति ने समान नागरिक संहिता के समर्थन को पुष्ट करने वाली अवधारणाओं से संबंधित अपनी रिपोर्ट के खंड-एक के अध्याय-दो में उत्तराखंड के बारे में दिए गए सामान्य परिचय में जनसांख्यिकीय और उसमें तेजी से हो रहे परिवर्तन का विशेष उल्लेख किया है।

 

 

 

पहाड़ों से पलायन तेज, मैदानों में जनसंख्या वृद्धि दर 30 प्रतिशत
समिति ने वर्ष 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2011 में पर्वतीय क्षेत्रों से तेजी से पलायन और मैदानी शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या में 30.23 प्रतिशत की वृद्धि दर को रेखांकित किया है।
इसी अवधि में दो पर्वतीय जिलों अल्मोड़ा और पौड़ी में जनसंख्या दर में तेजी से कमी आई है।

 

 

रिपोर्ट में उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों से सटे हुए उत्तर प्रदेश के इलाकों से पलायन का भी उल्लेख किया गया है।
जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार हिंदुओं की 83 प्रतिशत, मुस्लिमों की 13.9 प्रतिशत, सिखों की 2.3 प्रतिशत, ईसाइयों की 0.4 प्रतिशत और बुद्धिस्ट की 0.1 प्रतिशत आबादी है।
धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक समुदायों की संख्या प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में अधिक है।
हरिद्वार जिले और ऊधम सिंह नगर जिलों में मुस्लिम आबादी क्रमश: 34.3 प्रतिशत और 22.6 प्रतिशत बताई गई है। अन्य अल्पसंख्यक समुदायों में सिख, जैन की जनसंख्या वृद्धि दर मुस्लिम और ईसाइयों की तुलना में काफी कम है।
जनजाति जनसंख्या का भी विवरण समिति ने दिया है।

 

पड़ोसी प्रदेश से आने वालों की बढ़ रही संख्या
विशेषज्ञ समिति ने राज्य में भीतरी और बाहरी क्षेत्रों से हो रहे पलायन और जनसंख्या वृद्धि दर के लिए प्रदेश की तेज आर्थिक विकास दर को बड़ा कारक माना है। पलायन आयोग के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया गया कि वर्ष 2018 से वर्ष 2022 के बीच राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से 3.3 लाख व्यक्तियों का पलायन हुआ।

 

 

वर्ष 2008 से वर्ष 2018 के बीच यानी 10 वर्ष की अवधि में 5.2 लाख व्यक्तियों ने पलायन किया। अल्प अवधि के पलायन ने अब स्थायी रूप ले लिया है। परिणामस्वरूप पर्वतीय क्षेत्रों के 1792 गांव घोस्ट विलेज में परिवर्तित हो चुके हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top