प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत के कुछ ठिकानों पर विजिलेंस ने छापा मारा हरक सिंह रावत के ऊपर आरोप लगा है कि जिस समय वह वन मंत्री थे उस समय उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई ऐसे काम किया जो की विजिलेंस की रडार पर हैं।
इसमें से एक जो उनके ऊपर आरोप लगा है वह यह है कि उन्होंने कॉर्बेट नेशनल पार्क में इस्तेमाल में लाया जाने वाला जनरेटर जिसकी कीमत लगभग 78 लख रुपए थी उसको अपने बेटे के कॉलेज में लगवा दिया वहीं अब हरक सिंह रावत के ठिकानों पर विजिलेंस छापा मार रही है। और अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उन पर निशाना चाहते हुए कहा कि जनरेटर तो दिखने वाली चीज है न जाने वहां से क्या-क्या चीज गई है यह तो विजिलेंस की टीम जाने। आगे उन्होंने कहा कि आज कई लोगों को यह लगता है कि नेता का मतलब होता है गलत को सही करो और यह नहीं होना चाहिए।
दूसरी तरफ हरक सिंह रावत ने विजिलेंस की टीम द्वारा मारे गए छापा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार यह सब जानबूझकर कर रही है। हां बिल्कुल मैंने covid के वक्त कुछ लाख रुपए का जनरेटर मेडिकल कॉलेज में जरूर लगाया था लेकिन उस वक्त मैंने अन्य भी कई जगह में मदद की थी वहीं जब मैं मंत्री पद से हटा तो मेरे से सारे सामान वापस मांग लिए गए, अगर यह उसी वक्त यह भी कह देते कि जनरेटर वापस कर दो तो मैं उसे भी वापस कर देता।
साथ ही उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भी जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि पूर्व में जब मैं मंत्री था और जिस समय कि यह घटना है उसे समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही थे, अगर उन्हें उस समय लग रहा था कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं तो मुझे उसी समय मंत्री पद से हटा देते।
साथ उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आगे निशाना साधते हुए कहा कि अगर बातें उठने लगी तो बहुत कुछ उठेगी। फिर जाकर उन्हें अपनी जांच भी करवा लेनी चाहिए जिंदगी भर उन्होंने कहीं नौकरी नहीं की कोई बिजनेस नहीं किया और देहरादून जैसी जगह में उनका इतना बड़ा मकान है जबकि उनकी पत्नी एक प्राइमरी टीचर है।क्या एक प्राइमरी टीचर देहरादून में इतना बड़ा मकान बन सकती है।
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