दिल्ली-NCR से चल यूपी के रास्ते हिल स्टेशन तक का सफर महंगा, उत्तराखंड एंट्री पर फास्टैग से इतना ग्रीन सेस
विभागीय सूत्रों की बात मानें तो बाहरी गाड़ियों से आने वाले पर्यटकों से ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। सरकार की ओर से एक हफ्ते के अंदर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा।
देश के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी का दौर जारी है। स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां होने के साथ ही तपती गर्मी से बचने के लिए पर्यटक हिल स्टेशन की ओर रुख कर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश-यूपी, हरियाणा समेत अन्य राज्यों से लोग हिल स्टेशनों में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं।
देश के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी का दौर जारी है। स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां होने के साथ ही तपती गर्मी से बचने के लिए पर्यटक हिल स्टेशन की ओर रुख कर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश-यूपी, हरियाणा समेत अन्य राज्यों से लोग हिल स्टेशनों में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड के मसूरी, नैनीताल, हल्द्वानी, अल्मोड़ा आदि हिल स्टेशनों में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। ऐसे में अब दिल्ली-एनसीआर, यूपी समेत अन्य राज्यों से उत्तराखंड के हिल स्टेशनों तक का सफर महंगा होने वाला है।
दूसरे प्रदेशों से उत्तराखंड पहुंचने पर सरकार की ओर से पर्यटकों से ग्रीन सेस वसूला जाएगा। ग्रीन सेस को लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर ली गईं हैं। उत्तराखंड में आने वाली गाड़ियों से फास्टैग की तर्ज पर ग्रीन सेस वसूला जाएाग।
परिवहन अधिकारियों की बात मानें तो ग्रीन सेस की वसूली से राजस्व बढ़ने के साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों का डेटा भी तैयार होगा। पर्यटकों के भारी दबाब को लेकर आगामी सालों में सरकार की ओर से सुरक्षा और सुगम यात्रा के लिए कारगर नीति भी बनाई जाएगी।
विभागीय सूत्रों की बात मानें तो बाहरी गाड़ियों से आने वाले पर्यटकों से ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। सरकार की ओर से एक हफ्ते के अंदर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा। विदित हो कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की ओर से ग्रीन सेस लागू करने का ऐलान कर दिया गया था।
क्या है ग्रीन सेस
उत्तराखंड के पड़ोसी हिमालयन राज्य हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ही सरकार उत्तराखंड में प्रवेश करने वाली बाहरी गाड़ियों पर ग्रीन सेस लगाने जा रही है। दूसरे प्रदेशों से हिमाचल में प्रवेश करने पर बैरियर लगाकर ग्रीन सेस वसूला जाता है।
लेकिन उत्तराखंड में सरकार ग्रीन सेस वसूलने को फास्टैग का इस्तेमाल करेगी। दावा किया है कि फास्टैग की तर्ज पर ग्रीन सेस वसूलने से हाईवे पर ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। उत्तराखंड की गाड़ियों को छोड़ दूसरे प्रदेश से आने वाली गाड़ियों पर ग्रीन सेस लगाया जाएगा।
हरिद्वार-ऋषिकेश, नैनीताल पर्यटक स्थलों में भीड़ गर्मियों की छुट्टियां पड़ने के साथ ही उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली रही है। हरिद्वार-ऋषिकेश, नैनीताल, हल्द्वानी आदि पर्यटक स्थलों में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
दिल्ली-हरिद्वार और दिल्ली-नैनीताल हाईवे पर ट्रैफिक जाम
से पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वीकेंड के चलते पर्यटकों की भीड़ भी दोगुनी हो गई है। पुलिस-प्रशासन की ओर से ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त फोर्स भी तैनात किया जा रहा है।
अग लेर
लेकिन ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पा रहा है। दूसरी ओर, पर्यटक स्थलों में होटलों की बुकिंग भी फुल चल रही है। पर्यटकों की भारी भीड़ और होटल पैक होने से व्यवसायी भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
इतनी होगा ग्रीन सेस (प्रस्तावित)
वाहन
ग्रीन सेस (रुपये में)
तीन पहिया
20
चार पहिया
40
मध्यम वाहन
60
भारी वाहन
80
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