सहस्त्रताल ट्रैक हादसे मामले में ट्रैकिंग एजेंसी पर मुकदमा, व्यावसायिक गतिविधियों पर भी पाबंदी
सहस्त्रताल ट्रैक पर ठंड लगने से नौ ट्रैकरों की मौत हो गई थी। वहीं, ट्रैकिंग दल में 70 वर्ष से अधिक उम्र के ट्रैकर्स शामिल थे। जिनका मेडिकल नहीं कराया गया।
सहस्त्रताल ट्रैक हादसे में हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज है। इसी एजेंसी के माध्यम से कर्नाटक का 22 सदस्यीय दल सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर गया था, जहां ठंड लगने से दल में शामिल नौ ट्रैकरों की मौत हो गई थी।
वरिष्ठ उप निरीक्षक मनेरी कोतवाली प्रमोद उनियाल ने बताया, ट्रैकिंग दल में 70 वर्ष से अधिक उम्र के ट्रैकर्स शामिल थे। जिनका मेडिकल नहीं कराया गया। बुजुर्ग व्यक्तियों से कुश कल्याण जैसे ऊंचाई वाले स्थान पर आवागमन कराना उचित नहीं था। एजेंसी ने ट्रैकर्स के साथ भेजे गाइड्स को ट्रैकिंग संबंधी आवश्यक उपकरण व संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए थे।
बताया, कंपनी की लापरवाही के चलते नौ लोगों की जान गई है। एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया, ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक रघुवीर सिंह के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है।
हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी की व्यावसायिक गतिविधियों पर पाबंदी
वहीं, सहस्रताल ट्रैकिंग हादसे से जुड़ी हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी की व्यावसायिक गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है। डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने इसके जारी कर दिए हैं।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर हुई घटना के मामले में संबंधित ट्रैकिंग एजेंसी के वाणिज्यिक ट्रैकिंग कार्य पर पाबंदी लगा दी है। पुलिस के द्वारा भी इस मामले में ट्रैकिंग एजेंसी के संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर गए 22 सदस्यीय दल के नौ सदस्यों की मृत्यू होने की घटना का शासन एवं प्रशासन के स्तर से अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए इस मामले में प्रथम दृष्टया ट्रैकिंग एजेंसी के संचालक द्वारा लारवाही बरते जाने के साथ ही हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग के नियमों तथा सुरक्षा संबंधी एहतियातों की अनदेखी किए जाने की बात सामने आई है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने इस मामले में हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी को व्यावसायिक ट्रैकिंग कार्य पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि इस मामले में हिमालयन कम्पनी व्यू एडवेन्चर कम्पनी के स्वामी के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत कर दी गयी है। वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनेरी द्वारा अवगत कराया गया कि कुश-कल्याण ट्रेक मे हुयी दुर्घटना के सम्बन्ध मे प्रथम दृष्टया हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर उत्तरकाशी ट्रेकिंग कम्पनी द्वारा ट्रेकिंग सम्बन्धी शर्तो को पूर्ण किये बिना ट्रेकिंग हेतु अनुमति दी गयी तथा ट्रेकिंग यूनिट एवं ट्रेक के सम्बन्ध में पुलिस-प्रशासन को सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी थी। ट्रेकिंग दल में 70 वर्ष से अधिक उम्र के ट्रेकर्स भी थे, जिनके मेडिकल की कार्यवाही नही की गयी थी। बुजुर्ग व्यक्तियों से कुशकल्याण जैसे ऊंचाई वाले स्थान पर आवागमन कराया जाना उचित नहीं था, न ही कम्पनी द्वारा ट्रेकर्स के साथ भेजे गये गाईड्स के पास ट्रेकिंग सम्बन्धी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये थे, जिस कारण 4 जून 2024 की सांय को कुशकल्याण ट्रेक पर मौसम खराब होने कारण आये आंधी-तुफान व ओलावृष्टि से हुयी आपदा में 22 ट्रेकर्स में से 9 की मृत्यु हो गयी।
उक्त दुर्घटना मे ट्रेकिंग कम्पनी द्वारा किये गये उपेक्षापूर्ण कार्य से 9 लोगों की मृत्यु होने पर पुलिस द्वारा आज 07.06.2024 को कोतवाली मनेरी पर समबन्धित ट्रेकिंग कम्पनी हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर उत्तरकाशी के मालिक के विरुद्ध 304(।), 336 भादवि के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। मामले में अग्रिम विवेचनात्मक/जांच की कार्यवाही जारी है।
पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी, श्री अर्पण यदुवंशी द्वारा सभी ट्रेकिंग एंजेन्सियों से अपील की गयी कि उक्त घटना से सबक लेते हुये सभी एजेन्सियां निकट भविष्य में इस ओर गम्भीरता बरतें, ट्रेकिंग सम्बन्धी मानकों के अनुरुप ही ट्रेकर्स की अनुमति प्रदान की जाये, जो लोग ट्रेकिंग की शर्तों को पूरा न कर रहे हो ऐसे लोगों को बिल्कुल भी अनुमति न दी जाये, लापरवाही बरतने वाली ऐजेन्सियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जायेगी।
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