सहारनपुर के तीन युवक पांच दिनों से लापता, परिजनों की आंखों में अब भी उम्मीद
सहारनपुर के जुखेड़ी गांव निवासी कपिल ने मातली हेलिपैड पर अपनी दर्दभरी कहानी सुनाई।
धराली आपदा ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के तीन परिवारों का सुख-चैन छीन लिया है। बीते पांच दिनों से परिजन अपने लापता प्रियजनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। उम्मीद की एक किरण लिए ये लोग उत्तरकाशी के मातली हेलिपैड पर डटे हुए हैं, इस आस में कि शायद उनका कोई अपना मलबे से जिंदा निकल आए।
सहारनपुर के जुखेड़ी गांव निवासी कपिल ने मातली हेलिपैड पर अपनी दर्दभरी कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि उनका छोटा भाई मुकेश कुमार (22), चाचा मोनू का बेटा दीपांशु (19) और ननौता गांव निवासी आफताब (18) धराली में वेल्डिंग का काम करते थे। कपिल के अनुसार, पांच अगस्त की सुबह करीब नौ बजे उनके पिता राम सिंह ने मुकेश से फोन पर बात की थी। मुकेश ने बताया था कि हल्की-हल्की बारिश हो रही है और वह काम पर जा रहा है।
उसी दिन दोपहर में सूचना मिली कि धराली में भीषण आपदा आ गई है। उन्होंने मुकेश को फोन किया लेकिन नंबर बंद मिला। इसके बाद दीपांशु को कॉल किया पर वहां से भी कोई जवाब नहीं आया।
दीपांशु अपने परिवार का इकलौता बेटा है और दो महीने पहले ही मुकेश व आफताब के साथ धराली आया था। आपदा की वीडियो देखने के बाद परिवारजन तुरंत सहारनपुर से रवाना हुए और अगले दिन सुबह उत्तरकाशी पहुंचे। लेकिन गंगनानी से आगे धराली जाने वाला मार्ग और सड़क टूट चुकी थी जिसके कारण वे मातली हेलिपैड से आगे नहीं जा पा रहे हैं।
पिछले पांच दिनों से ये परिजन वहीं रुके हैं। हर हेलिकॉप्टर की लैंडिंग पर उनके दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं। जैसे ही दरवाजा खुलता है, वे हर चेहरे को बारीकी से देखते हैं इस आस में कि शायद इस बार उनका अपना लौट आए लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगती है।
इनका क्या है कहना
धराली आपदा में जो भी लोग लापता चल रहे है उनकी तलाश की जा रही है। लापता लोगों की सूची तैयार की जा रही है। लापता लोगों के परिजनों से प्रशासन की टीम लगातर संवाद कर रही है।
– प्रशांत आर्य, डीएम उत्तरकाशी

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