*उत्तराखंंड में प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा का विरोध, सरकार पीछे खींच सकती है कदम
उत्तराखंड सरकार ने प्रधानाचार्यों के पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में उठे शिक्षकों के रोष को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए समाधान निकालने पर सहमति बनी। प्रधानाचार्य नियमावली में संशोधन कर सीधी भर्ती के नियमों में बदलाव किया जाएगा।
प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में राजकीय शिक्षकों में गहराते रोष को देखते हुए सरकार अपने कदम पीछे खींच सकती है। सीधी भर्ती के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होने वाली परीक्षा के कार्यक्रम को पीछे करने की तैयारी है।
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत की अध्यक्षता में कार्मिक, वित्त, न्याय एवं शिक्षा विभागों के अधिकारियों की बैठक में शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए समाधान निकालने पर सहमति बनी। शिक्षकों की पदोन्नति में आ रही अड़चन भी दूर की जाएंगी।
प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के आह्वान पर शिक्षक आंदोलनरत हैं। गत गुरुवार को शिक्षक दिवस के कार्यक्रमों का भी संघ ने बहिष्कार किया था। राजकीय इंटर कालेज में प्रधानाचार्य का पद शत-प्रतिशत पदोन्नति का रहा है। विभागीय ढांचे में विसंगति और राजकीय इंटर कालेजों की तुलना में राजकीय हाईस्कूलों की संख्या बहुत कम होने के कारण प्रधानाचार्यों के पद भरने में कठिनाई उत्पन्न हो रही थी।
इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति और 50 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती से करने के लिए संबंधित नियमावली में संशोधन किया। प्रधानाचार्य के रिक्त 692 पदों पर सीधी भर्ती के लिए राज्य लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा गया। आयोग ने सीधी भर्ती के लिए इसी माह परीक्षा कार्यक्रम निर्धारित किया है।
शिक्षकों के सीधी भर्ती के विरोध को लेकर मुखर होने पर शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने गत दिवस भी शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंथन किया था। इस क्रम में दूसरे दिन शुक्रवार को भी कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती के नियम में परिवर्तन करने पर सहमति बनी। शिक्षकों को इन पदों पर अधिक अवसर मिले, इसके लिए नियमों का दायरा बढ़ाया जाएगा। सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा को भी 50 वर्ष से बढ़ाकर 55 वर्ष की जाएगी। एलटी संवर्ग के शिक्षकों को भर्ती में अवसर देने के लिए सेवा अवधि को 10 वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष करने पर सकारात्मक रुख रखा गया है।
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