NH 707a और NH 72b का होगा चौड़ीकरण, पहाड़ में बनेगा डबल लेन हाईवे; भूमि अधिग्रहण की तैयारी!
पहाड़ के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को यातायात सुविधा से जोड़ने वाले त्यूणी-चकराता-मसूरी-बाटाघाट एनएच 707ए और फेडिज से सनेल एनएच 72बी को डबल लेन बनाने की कवायद शुरू हो गई।
हाईवे चौड़ीकरण को लेकर राजस्व विभाग के नक्शे एवं सजरे में विसंगति के चलते भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में पेच फंस गया।
धरातल पर सड़क की चौड़ाई राजस्व विभाग के नक्शे से मेल नहीं खा रही। स्थानीय लोगों के विरोध जताने एवं आपत्ति दर्ज करने से भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में आ रही अड़चन दूर करने को अधिशासी अभियंता एनएच खंड ने जिलाधिकारी को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। जिला प्रशासन के सहयोग से हाईवे को डबल लेन बनाने का रास्ता साफ होगा।
पड़ोसी राज्य हिमाचल में बने जेपीआरआर हाईवे की तर्ज पर अपने राज्य के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को यातायात सुविधा से जोड़ने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्ग को डबल लेन बनाया जा रहा है। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
सरकार के निर्देशन में एनएच खंड डोईवाला ने राष्ट्रीय राजमार्ग 707ए त्यूणी-चकराता-मसूरी-बाटाघाट के किमी शून्य से 175 और एनएच 72बी जेपीआरआर के फेडिज से सनेल तक किमी 133 से 173 सड़क को डबल लेन बनाने की कार्रवाई अंतिम चरण में है।
इन दो राष्ट्रीय राजमार्ग से हिमाचल और उत्तराखंड राज्य के देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, सिरमौर व शिमला जनपद के कई ग्रामीण इलाके यातायात सुविधा से जुड़े है। पहाड़ में सफर सुगम बनाने के लिए हाईवे का चौड़ीकरण किया जाना है। इसके लिए एनएच खंड डोईवाला व राजस्व विभाग की टीम ने जुलाई 2024 में संयुक्त निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के दौरान राजस्व विभाग के नक्शे एवं सजरे में सड़क की चौड़ाई 18 से 20 मीटर के बीच दर्शाई है। जबकि धरातल पर सड़क की चौड़ाई छह से 10 मीटर के बीच है। मौके की स्थिति के अनुसार राजस्व मानचित्र में सड़क की चौड़ाई दोगुने से ज्यादा दर्शाई गई है। राजस्व नक्शे में अंकित सड़क की चौड़ाई से नाराज स्थानीय लोगों ने हाईवे चौड़ीकरण को लेकर कड़ा विरोध जताते हुए आपत्ति दर्ज की है।
राजस्व नक्शे एवं सजरे में विसंगति के चलते ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व एनएच विभाग से मानचित्र में सड़क की चौड़ाई सही दर्शाने की मांग की। स्थानीय लोगों ने कहा राजस्व विभाग के नक्शे में एनएच घोषित होने से पहले सड़क की चौड़ाई निर्धारित मानकों से कई गुना ज्यादा दर्शाई गई है जो गलत है।
राजस्व नक्शे में मानकों के विपरीत दर्शाई गई सड़क की चौड़ाई को लेकर सवाल उठाते हुए ग्रामीणों ने कहा एनएच को छोड़ अन्य मार्ग के लिए चौड़ाई के मानक अलग है जो राजस्व मानचित्र से कहीं मेल नहीं खा रहे। हाईवे चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाले ग्रामीणों ने राजस्व नक्शे में सामने आई विसंगति को जल्द दुरस्त करने जोर दिया।
लोग कर रहे विरोध
हाईवे चौड़ीकरण से उपजे विवाद के चलते लोग एनएच विभाग के निशानदेही का विरोध कर रहे हैं। जिससे भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में समस्या आ रही है। मामले का हल खोजने के लिए एनएच खंड डोईवाला के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे ने जिलाधिकारी को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है।
अधिशासी अभियंता ने कहा कि संयुक्त निरीक्षण के दौरान धरातल पर मार्ग की मौजूदा स्थिति को देख राजस्व नक्शे में दर्शाई गई सड़क की चौड़ाई में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। जिससे ग्रामीणों व विभाग के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। एनएच विभाग ने हाईवे को डबल लेन बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में आ रही समस्या से जिला प्रशासन को अवगत कराया है।
हाईवे चौड़ीकरण में आ रही 23 गांवों की भूमि
राष्ट्रीय राजमार्ग त्यूणी-चकराता-मसूरी-बाटाघाट और जेपीआरआर के फेडिज से सनेल तक हाईवे को डबल लेन बनाने के लिए सड़क चौड़ीकरण में 23 गांवों की भूमि एवं अन्य परिसंपत्ति का अधिग्रहण किया जाना है। हाईवे चौड़ीकरण में ग्राम बृनाड़-बास्तील, कांडा, टियूटाड, बाणा-चिल्हाड़, खोलरा, डूंगरी, भंद्रोली, सावड़ा, डिमिच, मुंगाड, लोहारी, मशक, जाडी, दारागाड़, फेडिज, अटाल, अणू, सैंज, रडू, रायगी, झिटाड़, भाटगढ़ी व बानपुर समेत 23 गांवों के प्रभावितों की भूमि एवं अन्य परिसंपत्ति आ रही है। इसमें कई लोगों के आवासीय मकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, नाप भूमि एवं बगीचे हाईवे चौड़ीकरण की जद में आने से प्रभावितों को मुआवजा दिया जाना है।
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