विधायक / जिला पंचायत सदस्य / क्षेत्र पंचायत सदस्य / ग्राम प्रधान जी से ‘प्रवेशोत्सव-2023″ में प्रतिभाग करने हेतुअपील
जैसा कि आप विज्ञ है कि 1 अप्रैल 2023 से विद्यालयों में नया शैक्षिक सत्र प्रारम्भ हो रहा है। यह शैक्षिक सत्र विशेष महत्त्वपूर्ण है क्योंकि केन्द्र सरकार के द्वारा लगभग साढ़े तीन दशकों के पश्चात नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्राविधानों को राज्य में लागू किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत राज्य में प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में संचालित आंगनवाडी केन्द्रों को बालवाटिका के रूप में विकसित किया गया है। जिसके अन्तर्गत 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को बुनियादी शिक्षा दी जा रही है। इस हेतु आवश्यक है कि सभी 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों का बालवाटिकाओं में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित किया जाए।
वर्तमान समय में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक पढने वाले बच्चों हेतु समग्र शिक्षा के अन्तर्गत निःशुल्क शिक्षा के साथ पाठ्य पुस्तक, विद्यालय गणदेश आदि शिक्षण अधिगम सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाये जाने हेतु शासकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम प्रयोगशालायें, पुस्तकालय, खेल सामग्री जैसी आधारभूत शैक्षिक सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। निर्धन एवं पिछड़े वर्ग की बालिकाओं की शिक्षा के लिए कक्षा 6 से 12 तक कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास, अपयंचित तथा विद्यालय से बाहर रह गये बच्चों के लिए कक्षा 1 से 8 तक नेताजी सुभाष चन्द्र बोरा आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में भी बच्चों के शत-प्रतिशत प्रवेश हेतु प्रयास किया जाना आवश्यक है।
विद्यालयों में सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित हो, इस हेतु दिनांक 27 मार्च 2023 से 11 अप्रैल 2023 तक सम्पूर्ण प्रदेश में “विद्यालय प्रवेश नामांकन पखवाड़ा” मनाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत विद्यालय के सेवित क्षेत्रों का घर-घर सर्वेक्षण कर आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले बच्चों का चिन्हाकन कर विद्यालय में प्रवेश दिलाया जायेगा। इस दौरान ग्राम पंचायत व नगर पंचायत स्तर से आंगनवाड़ी में प्रवेश हेतु 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों का डाटा भी संकलित किया जायेगा। दिनांक 11 अप्रैल 2023 को प्रत्येक शासकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश उत्सव मनाया जायेगा।
जिसमें कक्षा 1,6 एवं 9 में नये प्रवेश लेने वाले बच्चों का स्वागत तथा नव प्रवेशित बच्चों के अभिभावकों, स्थानीय जन प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, विद्यालय प्रबन्धन समिति तथा शिक्षक अभिभावक समिति के सदस्यों को विद्यालयों में आमंत्रित कर बच्चों के शत-प्रतिशत नामांकन को सुनिश्चित किया जायेगा ।
इस अवसर पर मेरा आपसे अनुरोध है कि आप अपने क्षेत्र के विद्यालय के प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अपने क्षेत्र के सभी बच्चों का सरकारी विद्यालयों में नामांकन करने में अपना सहयोग देते हुए “शिक्षित उत्तराखण्ड विकसित उत्तराखण्ड” के सपने को साकार करेंगे।
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