– वित्तीय वर्ष 2024-25 में “उत्तराखण्ड कैम्पा” हेतु स्वीकृत ए०पी०ओ० की कुल धनराशि रू० 335.37 करोड़ के सापेक्ष कुल धनराशि रू0 306.7633 करोड़ की धनराशि की अवमुक्ति।
उत्तराखण्ड राज्य में वन विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तराखण्ड कैम्पा हेतु स्वीकृत कार्ययोयजना की कुल धनराशि रू0 335.37 करोड़ के सापेक्ष अब तक विभिन्न मदों/योजनाओं में कुल रू0 306.7633 करोड़ की धनराशि विभाग को अवमुक्त की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के अवशेष देयकों के भुगतान हेतु राष्ट्रीय कैम्पा द्वारा दी गयी अनुमति के कम में विभिन्न मदों/योजनाओं की अवशेष धनराशि रू0 24.669 करोड़ सहित कुल रू0 331.4323 करोड़ की धनराशि विभाग को वर्तमान वित्तीय वर्ष में अवमुक्त कर दी गयी है।
2. वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत कार्ययोजना के अनुसार, मुख्यतः 1508 हे० क्षतिपूरक वृक्षारोपण, 2208 हे० नमामि गंगे योजना व अन्य वृक्षारोपण, रोपण क्षेत्रों का अनुरक्षण, कैचमेंट ट्रीटमेन्ट (कैट) प्लान के क्रियान्वन हेतु 1031 हे0 रोपण कार्यों सहित ड्रेनेज लाईन ट्रीटमेंट का कार्य होना है, मृदा एवं जल संरक्षण कार्यों के अंतर्गत 205 जल धाराओं का उपचार, अवनत वनों के सुधार हेतु रेस्टोरेशन ऑफ डिग्रेडेड फॉरेस्ट (आर०डी०एफ०) योजना का क्रियान्वयन, वन्यजीव प्रबंधन व मानव वन्यजीव संघर्ष रोकथाम पर केन्द्रित फॉरेस्ट लैंडस्केप रेस्टोरेशन (एफ०एल०आर०) योजना जिसमें ग्रासलैंड डेवलेपमेंट, बायोफेन्सिंग, ए०एन०आर०, प्राकृतावास सुधार आदि कार्य सम्मिलित हैं, वनों तथा वन पंचायतों में फोरेस्ट फायर मैनेजमेंट, 10 केन्द्रीयकृत नर्सरी संबंधी कार्य, फील्ड कर्मियों हेतु चौकियों का निर्माण, 1600 किमी वन मार्गो का अनुरक्षण तथा प्रशिक्षण व अनुसन्धान जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जायेंगे।
3. शासन स्तर पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा आज दिनांक 21.10.2024 को कैम्पा के प्रगति की समीक्षा की गयी, जिसमें संगत प्राविधानों एवं भारत सरकार द्वारा प्रदत्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने, प्रत्येक सेक्टर हेतु समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित करने, अवमुक्त धनराशि का ससमय उपयोग करने, वित्तीय / भौतिक प्रगति से पाक्षिक आधार पर शासन को अवगत कराने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखण्ड कैम्पा को निर्देशित किया गया।
यह भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक स्तर पर चिन्हित कार्यों को समयबद्ध आधार पर पूर्ण किए जाने हेतु सम्बन्धित सेक्टर के प्रमुख उत्तरदायी होंगे। कार्यों का भौतिक सत्यापन भी औचक निरीक्षण के आधार पर किया जायेगा, जिससे कि कार्यों के वास्तविक प्रगति की पुष्टि की जा सके। मा० मुख्यमंत्री जी एवं मा० वन मंत्री जी के द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि धनराशि का ससमय समुचित उपयोग न किए जाने पर संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।
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