जब से सीएम धामी मुख्यमंत्री परिषद की बैठक से आएं हैं पूरी मजबूती के साथ काम कर रहें हैं आपदा से लड़ना हो या फिर सरकार के तमाम फैसले मजबूती से लेते हुए काम कर रहें हैं वही उत्तराखंड में धामी राज में इन दिनों बीजेपी के तमाम विधायक धामी शरणम् गच्छामि जा रहें हैं बीजेपी के विधायकों का एका एक सीएम केम्प में जाने को लगातार बेचैन हुए जा रहें हैं साफ हैं धामी की मजबूती को देखकर अब हर विधायक धामी केम्प में जाना चाहता हैं साफ हैं विधायक भी चाहते हैकि सीएम के करीब रहकर अपनी जनता के काम करवाये जा सके
BJP के MLAs और तमाम बड़े चेहरों के कुछ दिनों से अचानक CM पुष्कर सिंह धामी की देहरी-दफ्तर पर मांग पत्र या फिर गुलदस्ता ले के पहुँचने से सियासी समीक्षक हैरान हैं और इसके पीछे सरकार के मुखिया की बढ़ती हैसियत को देखा जा रहा है.ऐसा मुख्यमंत्री के दिल्ली में 4 दिन गुजार कर लौटने के बाद से हो रहा.PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह के नवरत्नों में शुमार PSD से मुलाकात करने असंतुष्ट समझे जाने वाले चेहरे भी पहुँच रहे. मानो उनको अहसास हो गया है कि PSD का हाथ ही उनके सियासी भविष्य को संवार सकता है
पुष्कर को इस मामले में बहुत सुलझा हुआ माना जा सकता है.उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ उनका सामंजस्य बहुत बेहतर है.अपने हर मंत्री को उन्होंने अपनी छत्रछाया और विश्वास सौंपा हुआ है.उनके कामकाज में गैर जरूरी तौर पर वह दखल देने से भी खुद को दूर रखना पसंद करते हैं.मंत्री भी उनके साथ कदम से कदम मिला रहे.वे ये भी जानते हैं कि मुख्यमंत्री से किसी किस्म के टकराव का नतीजा उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
देश के कई बड़े हिस्सों में नीम के कड़वे स्वाद से परेशान BJP आलाकमान को उत्तराखंड में ही सबसे अधिक सुकून मिल रहा है.लोकसभा में सभी 5 सीटें जितवाने में PSD की मेहनत और सरकार के बड़े-सुर्खियाँ बटोरने वाले फैसलों की भी भूमिका मोदी के असर के साथ बेहद अहम साबित हुई. बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उप चुनाव के उल्टे नतीजों के बावजूद पुष्कर पर मोदी-शाह के यकीन में लेशमात्र कमी इसी लिए नहीं आई.
ये भी हकीकत है कि किसी अन्य दल को छोड़ भी दें तो खुद BJP के पास इस कदर ऊर्जावान और मोदी-शाह के संकेतों को समझ के उनके और आरएसएस के भी एजेंडे पर प्रभावी ढंग से रॉकेट रफ़्तार में नतीजे देने वाला मुख्यमंत्री कोई नहीं है.अधिकांश को लोग पहचानते तक नहीं.बड़े दरबार में पुष्कर को मिल रही तरजीह से उत्तराखंड में कोई भी नावाकिफ नहीं है.पुष्कर को दैवीय आपदा के दौरान खराब मौसम के बावजूद पहाड़ों और मौकों पर प्रभावित लोगों से मिलते देखा जाना स्वाभाविक हो चुका है.
मौजूदा अंदरूनी सियासी तस्वीर और पुष्कर सिंह धामी की बढ़ती ताकत-रसूख देख के ही शहीद मेख गुरुंग मार्ग स्थित CM आवास में दौड़ लगाने में BJP के मंत्री-विधायकों-नेताओं की होड़ मची हुई है.BJP के MLAs में बिशन सिंह चुफाल-खजानदास-मदन कौशिक-सुरेश गडिया-अनिल नौटियाल-कुछ MLA ऐसे भी नजर आए जिनको कभी मुख्यमंत्री के विरोधी या फिर असंतुष्टों में शुमार किया जाता रहा है.
ख़ास बात ये है कि अब वे भी खिलखिलाते चेहरों के साथ मुख्यमंत्री संग एक ही फ्रेम में नजर आ रहे हैं.इनमें एक वरिष्ठ MLA ऐसे भी हैं, जिन्होंने पिछले विधानसभा आम चुनाव में मतगणना ख़त्म होते ही एक सनसनीखेज ट्वीट से खलबली मचा दी थी.बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी पुष्कर से मिले लेकिन उनके साथ कदमताल बहुत अच्छा होने से इस मुलाकात के पीछे किसी राज को नहीं देखा जा सकता.मुख्यमंत्री ने ही उनको दो साल के कार्यकाल पूरे होने पर बधाई दी.गुलदस्ता भेंट किया.
मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलने के बाद सीधे CM से मिलने पहुंचे.उनके साथ सचिवालय में भोजन कर सियासी जगत को दोनों के मध्य की शानदार से दो-चार कराया.दोनों के साथ बैठे और खाना खाती तस्वीर ने खूब सुर्खियाँ बटोरी.
एक और मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी मुख्यमंत्री से मिले.लब्बो-लुआब ये है कि उत्तराखंड सियासत में मची हलचल को BJP में और मोदी-शाह की नज़रों में पुष्कर की बढ़ी हैसियत के तौर पर देखा जा रहा है.उनके दरबार में अब हर महत्वाकांक्षी का पहुंचना अनिवार्य सा हो गया दिख रहा है.
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें