पंचायतों में एक समान व्यवस्था के लिए एक्ट में होगा संशोधन, निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव
क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए एक समान नियम बनाने के लिए ही एक्ट में संशोधन किया जाएगा। निदेशालय से शासन को अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भेज दिया गया है।
प्रदेश में दो बच्चों से अधिक संतान के व्यक्तियों के पंचायत चुनाव लड़ने को लेकर पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, हाईकोर्ट ने दो से अधिक जीवित संतान वाले प्रत्याशियों के लिए चुनाव में भागीदारी की कटऑफ डेट 25 जुलाई 2019 निर्धारित की हुई है।
तिथि से पहले जिनके दो से ज्यादा जीवित बच्चे हैं, वही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। इसके बाद जिनके दो से अधिक बच्चे हुए हैं, वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते। अब पंचायतों में एक समान व्यवस्था के लिए एक्ट में संशोधन होगा। मंत्री ने कहा, पंचायत चुनाव में दो बच्चों वाले नियम को लेकर कुछ लोगों को ठीक से जानकारी नहीं है।
उन्होंने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा, उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 के तहत वर्णित धाराओं में दो बच्चों से अधिक जीवित संतान के व्यक्तियों को ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के चुनावों में उम्मीदवारी के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।
हाईकोर्ट में पिंकी देवी बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य में ग्राम पंचायत के संबंध में दो से अधिक जीवित संतान वाले प्रत्याशियों के लिए चुनाव में भागीदारी करने के लिए 25 जुलाई 2019 कटऑफ डेट निर्धारित की गई, जबकि एक अन्य मामले में भी हाईकोर्ट ने 2020 को इसी प्रकार के आदेश क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के संदर्भ में पारित किए थे।
कहा, इसी साल 16 मार्च को एक अधिसूचना जारी हुई थी, जिसमें किसी व्यक्ति के दो से अधिक जीवित जैविक संतान हैं, लेकिन पहली संतान के बाद दोबारा गर्भधारण करने पर जुड़वां या इससे अधिक बच्चे हो जाते हैं तो अयोग्यता संबंधी नियम लागू नहीं होंगे। वह चुनाव लड़ सकता है।
अब पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए एक समान नियम बनाने के लिए ही एक्ट में संशोधन किया जाएगा। निदेशक पंचायती राज निधि यादव ने बताया, एक समान व्यवस्था के लिए निदेशालय से शासन को अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भेज दिया गया है।
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