Big breaking :-ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटके युवक: चट्टान ही आखिरी सहारा…कहकर विदा ले रहे थे, तभी पहुंची मदद और ऐसे बची जान - News Height
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Big breaking :-ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटके युवक: चट्टान ही आखिरी सहारा…कहकर विदा ले रहे थे, तभी पहुंची मदद और ऐसे बची जान

ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटके युवक: चट्टान ही आखिरी सहारा…कहकर विदा ले रहे थे, तभी पहुंची मदद और ऐसे बची जान

दोनों युवक गोरखगढ़ किले की ट्रैकिंग पर गए थे। इस किले तक पहुंचने का रास्ता बेहद खड़ा और दुर्गम है। इसी दौरान दोनों काे यह लगने लगा कि शाम तक भी वहां नहीं पहुंच पाएंगे तो दोनों ने वापस उतरने का निर्णय लिया। उतरते समय वह रास्ता भटक गए।

महाराष्ट्र के गोरखगढ़ किले की दुर्गम व साहसिक ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटकने के बाद गहरी खाई में फंसे उत्तराखंड के दो युवकों ने जिंदगी की उम्मीद छोड़ दी थी। उन्होंने रात के अंधेरे में एक भावुक वीडियो बनाया। इसमें वे कहते दिखे-ये चट्टान ही हमारा आखिरी सहारा है लेकिन उसी अंधेरे में दूर से आई आवाज ने उम्मीद जगा दी। करीब छह घंटे चले रेस्क्यू अभियान में महाराष्ट्र पुलिस और बचाव दल ने दोनाें को रस्सियों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

 

रुड़की के श्यामनगर निवासी मयंंक वर्मा मुंबई विवि में पोस्ट ग्रेजुएट के छात्र हैं। उन्होंने अपने दोस्त जसपुर निवासी रजत बंसल के साथ 23 नवंबर की दोपहर करीब 1.30 बजे गोरखगढ़ किला, थाने (महाराष्ट्र) की चढ़ाई शुरू की थी। इस किले तक पहुंचने का रास्ता बेहद खड़ा और दुर्गम है।

इसी दौरान दोनों काे यह लगने लगा कि शाम तक भी वहां नहीं पहुंच पाएंगे तो दोनों ने वापस उतरने का निर्णय लिया। उतरते समय वह रास्ता भटक जाते हैं और एक खाई में नीचे उतर जाते हैं। तब दोनों की सांसें फूलने लगती हैं। न आगे और न ही पीछे कोई मंजिल दिखाई देती है

कुछ देर बाद पुणे से आए कुछ पर्यटकों ने दोनों के चिल्लाने की आवाज सुनी तो उन्होंने भी प्रति उत्तर दिया। इसपर दोनों ने ऊपर की तरफ चढ़ाई की तो एक ऐसी जगह फंस गए जहां से नीचे उतरना और चढ़ना नामुमकिन हो गया। वहीं पर्यटकों के लिए भी उन तक नीची खाई में पहुंचना संभव नहीं था।

तब मयंक ने देखा कि मोबाइल में थोड़ी बैटरी बची है तो उन्होंने एक वीडियो बनाया और रुड़की के अपने दोस्त संजीव भटनागर को फोन किया। संजीव ने महाराष्ट्र पुलिस व रेस्क्यू पोर्टल पर जानकारी दी और संपर्क बनाए रखा। रेस्क्यू टीम के पहुंचने तक पर्यटक भी वहीं इंतजार करते रहे। रात करीब 9:00 बजे दोनों को रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू टीम ने दोनों युवकों के साथ बेहद संवेदनशील रवैया अपनाया।

महाराष्ट्र पुलिस ने जारी की सूचना
उत्तराखंड से ट्रैकिंग के लिए आए दो युवक रास्ता भटक गए और एक घाटी में फंस गए थे। वे ऐसी जगह फंसे थे जहां से न तो ऊपर जा सकते थे और न ही नीचे उतर सकते थे। शाम को मुरबाड के तहसीलदार देशमुख साहब और मुरबाड पुलिस स्टेशन को मदद के लिए फोन आया। अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। रस्सी की सहायता से रात नौ बजे दोनों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बचाव अभियान में कुसुम विशे सहमगिरी रेस्क्यू टीम ने भी सहयोग किया।

ट्रैकर्स के बीच लोकप्रिय है गोरखगढ़ किला
गोरखगढ़ किला महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित एक प्राचीन पहाड़ी किला है। ये अपनी खड़ी ढलानों और साहसिक ट्रैक के लिए जाना जाता है। इसका नाम संत गोरखनाथ के नाम पर रखा गया है। इनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने यहां तपस्या की थी। यह ट्रैकर्स के बीच लोकप्रिय है क्योंकि यहां से सह्याद्रि पर्वत शृंखला के शानदार 360 डिग्री दृश्य दिखाई देते हैं।

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Author: Pankaj Panwar
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