एबीवीपी के महासमर में दिखी कश्मीर से कन्याकुमारी तक की शौर्यगाथा, छात्रों ने दिखाया कला का दम
एबीवीपी के महासमर में कश्मीर से कन्याकुमारी तक की शौर्यगाथा दिखी। एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन विविधता में एकता का संदेश दे रहा है
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन विविधता में एकता का संदेश दे रहा है। एबीवीपी के इस महासमर में कश्मीर से कन्याकुमारी तक की शौर्यगाथा का बखान है। राष्ट्र सर्वोपरी की भावना के साथ भारत के सैकड़ों साल पुराने इतिहास की छाप अधिवेशन स्थल पर देखने को मिली।
भगवान बिरसा मुंडा महानगर में कदम-कदम पर छात्रों की कला दिख रही थी। प्रदर्शनी में जितनी भी तस्वीरें हैं वह विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने अधिवेशन के लिए अपने हाथ से बनाई हैं। शौर्य की गाथा का गान करते हुए यहां चाहे आपरेशन सिंदूर की व्योमिका सिंह, कर्नल सोफिया कुरैशी हों या फिर अपनी तलवार से 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों पर विजय पाने वाली तुलुनाडू की रानी अब्बक्का।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने राष्ट्र भावना को जाग्रत करने के लिए देश की महान विभूतियों की तस्वीरों को अपने हाथों से उकेरा। इनके अलावा वहां पर बनाई गई विभिन्न मूर्तियां भी छात्रों ने स्वयं बनाई हैं। गुरु तेगबहादुर के जीवनकाल, श्रषिका अपाला, स्वामी विवेकानंद महाराज सहित देश की महान विभूतियों के देश के लिए किए गए कार्यों के ज्ञान का दर्शन भी यहां किया जा रहा है।
.एपण कला और मिट्टी की खुशबू से लबरेज है प्रदर्शनी
भगवान बिरसा मुंडा नगर में चल रहे अधिवेशन में प्रदर्शनी के लिए अलग से घर बनाया गया है। इसमें देहरादून की मिट्टी की खुशबू और एपण कला की झलक है। एनजीओ की ओर से यह घर बनाया गया है। इसकी दीवारों को मिट्टी से लेपा गया है। इसके अलावा मिट्टी के ऊपर एपण कला की खूबसूरती इसे बेहद आकर्षक बना रही है।

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