देवभूमि में “जननायक” का उदय …
गौचर में मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami के रोड शो में जनसैलाब उमड़ पड़ा। यह पहला मौका नहीं है जब धामी को देखने, सुनने और समझने के लिए लोग दौड़े चले आए। खासतौर पर मातृ शक्ति ने अपना काम धाम छोड़कर रोड शो में जोरदार भागीदारी की। रिकॉर्ड संख्या में उनकी उपस्थिति को ऐतिहासिक माना जा रहा है। दूर दराज और दुर्गम में बसे गांव के लोग सुबह से ही गौचर के नुमाइश मैदान में पहुंचने शुरू हो गए थे। दोपहर होते–होते मैदान खचाखच भर गया। अपने मुख्यमंत्री को लेकर जनमानस में जुनून दिखा, अपनत्व दिखा।
याद करिए ! साल 2021 में उत्तराखण्ड में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद पार्टी ने दूसरी बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को नया मुख्यमंत्री बनाकर राजनीतिक विशेषज्ञों के सारे अनुमान गलत साबित कर दिए थे। उस वक्त धामी मुख्यमंत्री पद के लिए एकदम नया चेहरा थे। पुष्कर धामी को आगे करके भाजपा ने 2022 का चुनाव लड़ा और प्रचंड बहुमत से जीती। इतिहास में पहली बार किसी राजनैतिक पार्टी ने उत्तराखण्ड में लगातार दोबारा सरकार बनाई। हालांकि, धामी अपनी सीट खटीमा में प्रचार नहीं कर सके और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर भी पार्टी आलाकमान ने उन पर भरोसा करते हुए उन्हें दूसरी बार सीएम बनाया। दरअसल, महज छह माह के पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री के तौर पर धामी की कई खूबियां (सरल स्वभाव, दमदार नेतृत्व और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता) सामने आईं। इन्हीं खूबियों ने धामी को प्रधानमंत्री Narendra Modi की नजरों में सबसे उपयुक्त बनाया।
अपने दूसरे कार्यकाल में भी धामी की धुआंधार बैटिंग जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तमाम चुनौतियों के बीच कई बड़े फैसले ले रहे हैं। उनकी सरकार के कुछ दमदार फैसले देश के दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बने हैं। भर्ती परीक्षाओं के लिए सख्त नकल विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता का बिल पारित करना, स्थानीय महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण, राज्य आन्दोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, सख्त धर्मांतरण कानून, जमीन जेहाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और अंत्योदय परिवारों को साल में तीन मुफ्त गैस सिलेण्डर जैसे कुछ फैसलों ने धामी की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा किया है। ‘जी20’ के तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और ‘उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ के सफल आयोजन से भी धामी ने पूरे राष्ट्र का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। देखते ही देखते उत्तराखण्ड की सियासत में पुष्कर का कद बड़ा हो गया। तमाम उलब्धियों के आधार पर हर कोई पुष्कर को ‘हारी बाजी जीतने वाला बाजीगर’ बता रहा है।
गौर करने वाली बात है कि 2022 में भाजपा हाईकमान ने धामी को सिर्फ मुख्यमंत्री ही घोषित नहीं किया बल्कि उनके शपथ ग्रहण समारोह में पूरे राष्ट्रीय नेतृत्व ने उपस्थित रहकर उनका मनोबल भी बढ़ाया और साफ संदेश भी दिया कि आने वाला दौर नए नेताओं का होगा। धामी ने मौका नहीं गंवाया और आज वह देवभूमि के जननायक बन चुके हैं। एक ऐसा जननायक जो जनभावनाओं की कद्र करता है। सिर्फ मैदानी जिलों में अपनी आमद नहीं रखता, सुदूर और सीमांत जनपदों में भी बराबर मौजूद रहता है।
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