मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने पौड़ी के पूर्व विधायक और पालिकाध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम सहित तीन लोगों को जिला आबकारी अधिकारी के साथ अभद्रता व सरकारी काम काज में बाधा पहुंचाने का दोषी पाया है। सजा के लिए सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
वर्ष 2017 को पालिका ध्यक्ष बेनाम व तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी के बीच डीएम कार्यालय में विवाद हो गया था। इसके बाद आबकारी अधिकारी ने मामले में कोतवाली पौड़ी में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में पालिकाध्यक्ष बेनाम सहित तीनो आरोपी 28 दिन जेल भी रह चुके हैं जिला मुख्यालय पौड़ी में वर्ष 2017 में शराब विरोधी आंदोलन के चलते जिलाधिकारी कार्यालय में आंदोलनकारियों व जिला आबकारी अधिकारी पौड़ी के बीच विवाद हो गया था।
विवाद में तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी प्रभा शंकर मिश्रा ने पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम सहित तीन लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कोतवाली पौड़ी में मुकदमा दर्ज कराया था।अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव और नामित अधिवक्ता अभियोजन आशीष जदली ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी रवि प्रकाश शुक्ला की अदालत में मामले की सुनवाई हुई।
गवाहों के बयान व पुलिस की चार्जशीट के आधार पर न्यायालय ने तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा के साथ अभद्रता,जान से मारने की धमकी और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में पालिकाध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम,पूर्व प्रदेश सचिव काँग्रेस सरिता नेगी और वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक बिष्ट को दोषी करार दिया है। वर्तमान में वह जमानत पर हैं।
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