नकल माफिया की कमर तोड़ने और पारदर्शी भर्ती का सिस्टम तैयार करने वाली धामी सरकार के खिलाफ बड़ा षड़यंत्र, गले नहीं उतर रहा देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रही धामी सरकार के खिलाफ सड़कों पर ये पथराव
देहरादून। राजधानी देहरादून में गांधी पार्क से घंटाघर तक युवाओं के मचाया उत्पात, पथराव गले नहीं उतर रहा है। क्योंकि युवाओं की जो मांग है, उस दिशा में तो धामी सरकार पिछले एक साल से युद्धस्तर से काम कर रही है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग समेत लोक सेवा आयोग के नकल माफिया समेत 60 से अधिक लोगों को जेल पहुंचाया जा चुका है।
देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया जा रहा है। जो 15 फरवरी की कैबिनेट बैठक में आने जा रहा है। ऐसे में युवाओं का आक्रोश, सड़कों पर पथराव समझ से परे है।
उत्तराखंड में राज्य गठन से ही नकल और भर्ती माफिया सक्रिय रहा। एनडी तिवारी सरकार में दरोगा भर्ती घोटाला, कभी तकनीकी विवि भर्ती घपला, मंडी परिषद भर्ती घपला कांग्रेस सरकार में हुआ। इसके बाद की भाजपा सरकार में आयुर्वेद चतुर्थ श्रेणी भर्ती घपला, जेई भर्ती घपला, यूपी, बिहार, दिल्ली के लोगों को जल निगम में नियम विरुद्ध भर्ती किया गया।
ऊर्जा निगम, यूजेवीएनएल में भर्ती फर्जीवाड़ा हुआ। लेकिन किसी भी मामले में न कोई कार्रवाई हुई, न ही कोई जांच। 2012 से 2017 और 2017 से 2020 तक अधिनस्थ सेवा चयन आयोग, लोक सेवा आयोग की भर्ती में बड़े पैमाने पर भर्ती फर्जीवाड़ा हुआ। खानापूर्ति को जांच बैठाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। युवा साल दर साल ठगे चले आते रहे। 2019 में नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथियों के खिलाफ मंगलौर थाने में मुकदमा दर्ज होता है, लेकिन जांच को बंद कर दिया जाता है। हाकम सिंह और उसके साथियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
इन तमाम फर्जीवाड़ों के खिलाफ जुलाई 2021 के बाद कार्रवाई शुरू होती है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सरकारी महकमों की भर्ती सिस्टम को दीमक की तरह चाट रहे नकल माफिया के खिलाफ अभियान शुरू किया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की एक के बाद एक भर्ती में हुई गड़बड़ियों का पर्दाफाश किया। 50 से अधिक नकल माफिया को जेल भेजा। सभी नई पुरानी भर्तियों की जांच बैठाई। यही सिलसिला लोक सेवा आयोग में जारी रखा। जहां भी भर्ती का फर्जीवाड़ा सामने आया, तत्काल कार्रवाई में देरी नहीं की। साथ ही लोक सेवा आयोग को तेजी के साथ भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए। इन आदेशों के क्रम में आयोग ने भर्तियां भी शुरू की।
इसी के साथ नकल माफिया के हौसले पस्त करने को देश का सबसे सशक्त नकल विरोधी कानून लाने का ऐलान किया। ये कानून 15 फरवरी की कैबिनेट में आने जा रहा है। इसमें जेल, संपत्ति जब्त, दोबारा भर्ती में बैठने पर प्रतिबंध लगाने समेत कई सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं। इसके बाद भी राजधानी की सड़कों पर युवाओं का आक्रोश समझ से परे हैं। जानकारों को इसके पीछे एक बड़ी राजनीतिक साजिश की बू आ रही है। क्योंकि जिस तरह नकल माफिया के खिलाफ सीएम धामी लगातार हमले कर रहे हैं, उससे उनका युवाओं में क्रेज बढ़ रहा है। यही वो सबसे बड़ी वजह है, जो विरोधियों को परेशान किए हुए है। ऐसे में इस बार युवाओं की मजबूती को ही उनके खिलाफ इस्तेमाल करने की साजिश रची जा रही है। युवाओं को ही भ्रमा कर उनके खिलाफ किए जाने की साजिश रची जा रही है।
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