अशासकीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती का मामला शासन में लटका; कुछ नहीं तय कर पाई उच्च स्तरीय समिति
उच्चस्तरीय समिति अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाई है। यही वजह है कि प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों के 60 फीसदी पद खाली हैं।
प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का मामला शासन में लटक गया है। सरकार ने करीब दो साल पहले भर्ती का माध्यम तय करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। जो अब तक कुछ तय नहीं कर पाई है।
.प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों और विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी के मामले सामने आने के बाद सरकार की ओर से निर्णय लिया गया था कि पारदर्शी भर्ती के लिए राज्य लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की जा सकेगी। इसके अलावा अलग से चयन बोर्ड भी गठित किया जा सकता है। इसके लिए उच्च शिक्षा समिति गठित की गई। जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया।
अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष संजय बिजल्वाण बताते हैं कि उच्चस्तरीय समिति अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाई है। यही वजह है कि प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों के 60 फीसदी पद खाली हैं। सरकार भर्ती में इंटरव्यू खत्म कर स्कूल प्रबंधन के माध्यम से भर्ती करे या फिर इसके लिए कोई आयोग बनाए लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी को जल्द से जल्द दूर करे।

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