नैनीतालः हाई कोर्ट ने भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) रहे संजय कुमार गुप्ता के विरुद्ध दुराचार व यौन शोषण के मामले में समन जारी करने के साथ ही मुकदमे से संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून की पूरी कार्रवाई रद कर दी है।
पुलिस ने इस मामले में संजय कुमार गुप्ता के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट में धारा 354ए-3 (महिला की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाना) और 354ए-4 (यौन संबंधी टिप्पणी करना) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। निचली कोर्ट से जारी सम्मन को संजय कुमार ने याचिका दायर कर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने
याचिकाकर्ता और और शिकायतकर्ता
के मोबाइल फोन के विवरण और डेटा
से संबंधित फोरेंसिक रिपोर्ट सहित
सबूतों की जांच करने के बाद कहा कि
शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए
आरोप प्रथमदृष्टया मामला नहीं बनाते
हैं। याचिकाकर्ता संजय कुमार के
अधिवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता
ने सीआरपीसी की धारा-161 व 164
के तहत दर्ज कराए बयान में दुराचार
का उल्लेख नहीं किया है।
जबकि आरोप लगाया गया था कि संजय ने 10 मार्च 2018 को अपने आवास पर दुराचार किया। इस मामले की पुलिस जांच में पता चला कि संजय 10 मार्च को देहरादून में मौजूद ही नहीं थे। इसलिए जांच अधिकारी ने केवल धारा 354 (ए) (तीन) और (चार) के तहत आरोप पत्र प्रस्तुत किया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह भी
बताया कि मोबाइल फोन एफएसएल कु चंडीगढ़ भेजे गए थे, लेकिन हँडसेट या वाट्सएप संदेशों से भी ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता और संजय के बीच काल डिटेल का रिकार्ड उनके बीच सहमति से संबंध होने की संभावना का संकेत देता है। हालांकि केवल बातचीत की मौजूदगी से ही दोष का पता नहीं चलता है या यौन उत्पीड़न के आरोपों को वैध नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने एफआइआर और बयानों में शिकायतकर्ता के आरोपों में विसंगतियां पाई। कोर्ट ने इस आधार पर संजय कुमार का सीजेएम देहरादून के समक्ष लंबित मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए भेजा गया समन निरस्त कर दिया। 2019 में भाजपा नेता संजय को दुराचार और यौन शोषण के आरोंप लगने के बाद संगठन महामंत्री पद से हटा दिया गया था।
मेरे विरुद्ध हुई थी राजनीति साजिश : संजय कुमार
भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन रहे संजय कुमार ने कहा कि हाई कोर्ट की ओर से मुझे न्याय मिला है। इसके लिए मैं कोर्ट का हृदय से धन्यवाद करता हूं। अब मैं संघ व भाजपा के उच्च पदाधिकारियों से मिलूंगा और उनके निर्देशन पर ही आगे की दिशा तय होगी। उन्होंने कहा कि मुझे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था।
सामाजिक रूप से बदनाम संजय कुमार करने की कोशिश की गई। राजनीतिक जीवन समाप्त करने का जागरण आर्काइव प्रयास किया गया। इतने वर्षों तक मैंने मानसिक व सामाजिक पीड़ा झेली। यह मेरे लिए बहुत कष्टदायक था। कोर्ट की वजह से उनको भी करारा जवाब मिला है।
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