मतपत्र छापने में सरकारी प्रेस ने खड़े किए हाथ, 300 पदों के सापेक्ष महज 11 कर्मचारी हैं तैनात
राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव के मतपत्र रुड़की स्थित सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से छपवाने के लिए बातचीत की।
उत्तराखंड की सरकारी प्रिंटिंग प्रेस के अधिकारियों ने निकाय के बाद आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतपत्र भी छापने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसा करना अधिकारियों की मजबूरी है, क्योंकि सरकारी प्रेस में 300 पदों के सापेक्ष महज 11 तकनीकी कर्मचारी ही कार्यरत हैं, बाकी पद खाली हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव के मतपत्र रुड़की स्थित सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से छपवाने के लिए बातचीत की। इस पर प्रेस के अफसरों ने कर्मचारी न होने का कारण बताते हुए हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद आयोग ने सभी मतपत्र निजी प्रिंटिंग प्रेस से छपवाए हैं। चूंकि, इसके बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी होने हैं
इसके लिए भी निर्वाचन आयोग ने सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से बात की, लेकिन उन्होंने साफ इन्कार कर दिया। अब तय हुआ कि आयोग किसी निजी प्रेस में ही पंचायत के भी मतपत्र छपवाएगा।
रुड़की प्रेस में चपरासी-बाबू के 16 पद खाली
राजकीय प्रिंटिंग प्रेस रुड़की के अपर निदेशक प्रमोद कुमार सिंह ने बताया, वैसे तो तकनीकी कर्मचारियों के 300 पद सृजित हैं, पर अब केवल 11 ही बचे हैं। बाकी सभी पद खाली हैं। इसी प्रकार चपरासी-बाबू के 56 में से 16 पद खाली हैं। ऐसे में लाखों की संख्या में मतपत्र कैसे छापे जा सकते हैं। बताया, पूर्व में भर्ती का अधियाचन भेजा गया था, लेकिन वह अटक गया था। अब उद्योग विभाग में उनका मर्जर करने के साथ ढांचे का पुनर्गठन हो रहा, जिससे पद घटकर 216 हो जाएंगे।
क्या काम करती है सरकारी प्रिंटिंग प्रेस
सभी अधिसूचनाओं का प्रकाशन, कई विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन का प्रकाशन, मतपत्र प्रकाशन, परीक्षाओं के प्रश्नपत्र प्रकाशन, सरकारी सभी दस्तावेज का प्रकाशन आदि।
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