उत्तराखंड सरकार ने 18 साल बाद माना कि गलत भर्ती हुई, इस विभाग का है मामलाजल निगम में 12 से अधिक इंजीनियरों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। वर्ष 2005 और बाद के वर्षों में असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के आरक्षित पदों पर यूपी, बिहार, दिल्ली के युवाओं को नौकरी दे दी गई। 18 साल बाद अब शासन ने भी इन नियुक्तियों को गलत माना है। एमडी जल निगम को अपने स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए।जल निगम ने वर्ष 2005, 2007 में पंजाबविश्वविद्यालय से असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर
इंजीनियर के पद पर भर्ती कराई। लिखित परीक्षा के
परिणाम आने के बाद जल निगम की चयन समिति ने
आंख बंद कर युवाओं को नियुक्ति दे दी। महिला और
एससी श्रेणी के आरक्षित पदों पर दिल्ली, यूपी, बिहार
वालों को नियुक्ति दे दी। 2019 में हिन्दुस्तान ने इस
फर्जीवाड़े का खुलासा किया। हिन्दुस्तान की खबर का
संज्ञान लेते हुए शासन ने जांच बैठाई जांच पर जांच
और कार्मिक, न्याय विभाग की राय लेने के नाम पर ही
करीब तीन साल निकाल दिए गए।
अब जाकर सचिव पेयजल ने जांच रिपोर्ट न्याय, कार्मिक विभाग की राय, सेवा नियमावलियों के प्रावधानों को आधार बनाते हुए जल निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) उदयराज को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। एमडी उदराज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। अब पहले इंजीनियरों को नोटिस जारी किए जाएंगे। उनका जवाब आने के बाद विधिवत प्रक्रिया अपनाते हुए कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।
: जल निगम ने वर्ष 2005, 2007 में पंजाब विश्वविद्यालय से असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के पद पर भर्ती कराई। लिखित परीक्षा के परिणाम आने के बाद जल निगम की चयन समिति ने आंख बंद कर युवाओं को नियुक्ति दे दी। महिला और एससी श्रेणी के आरक्षित पदों पर दिल्ली, यूपी, बिहार वालों को नियुक्ति दे दी। 2019 में हिन्दुस्तान ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया।
अब जाकर सचिव पेयजल ने जांच रिपोर्ट न्याय, कार्मिक विभाग की राय, सेवा नियमावलियों के प्रावधानों को आधार बनाते हुए जल निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) उदयराज को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। एमडी उयदराज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। अब पहले इंजीनियरों को नोटिस जारी किए जाएंगे। उनका जवाब आने के बाद विधिवत प्रक्रिया अपनाते हुए कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।
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