राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखण्ड द्वारा आयुवर्दिक पद्धति से सेवारत एवं सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों, सरकारी सेवकों एवं उनके आश्रित सदस्यों के द्वारा उपचार कराने पर व्यय हुई धनराशि के प्रतिपूर्ति दावे के अन्तर्गत 1.5 लाख तक बिलों के प्रतिहस्ताक्षऱ का अधिकार जिला आयुर्वेदिक एवं युनानी अधिकारी को प्रदान किए जाने का शासनादेश किए जाने पर शासन एवं प्रदेश सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया है ।
उक्त के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता आर पी जोशी ने बताया कि परिषद की दिनांक 20.09.2024 को अपर मुख्य सचिव श्री आनन्दवर्धन के साथ, परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे एवं महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट के साथ हुई बैठक में उक्त मांग को मांगपत्र की मांग संख्या 5 के रुप मे प्रमुखता से उठाया गया था, एवं मांग की गई थी कि “आयुष चिकित्सालयों में चिकित्सा कराए जाने पर चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति का प्राविधान कर दिया गया है, किन्तु इस हेतु बिलों को प्रतिहस्ताक्षरित करने हेतु आयुष निदेशालय ही प्रेषित करना होता है जिससे अनावश्यक विलम्ब होता है । आयुष सम्बन्धी बिलों को भी जनपद स्तरीय सम्बन्धित अधिकारी को प्रतिहस्ताक्षर हेतु अधिकार दिए जाए” जिस पर शासन द्वारा उस समय सहमति देते हुए शीघ्रातिशीघ्र शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया था, और शासन उक्त आश्वासन को तत्काल पूर्ण किए जाने से राज्य कार्मिक अत्यन्त हर्षित हैं ।
परिषद द्वारा यह आशा जताई गई है कि इसी प्रकार मांगपत्र की प्रमुख मांगों 10,16,26 वर्ष की सेवा पर पूर्व की भांति पदोन्नत वेतनमान सहित एसीपी, गोल्डन कार्ड में ओपीडी पर निःशुल्क दवा एवं जांच, पदोन्नति में पुनः शिथिलीकरण लागू किए जाने सहित अन्य बिन्दुओं पर भी शासन स्तर से अतिशीघ्र कार्यवाही करते हुए शासनादेश जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य सरकार के कार्मिकों को सम्बन्धित लाभ शीघ्रातिशीघ्र प्राप्त हो सकें ।
(आर पी जोशी)
प्रान्तीय प्रवक्ता
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें