*खाद्य विभाग की सख्ती से चारधाम यात्रा मार्गों और पर्यटन स्थलों में मिलावटी खाद्य पदार्थों, नकली दवाओं और सामान पर बड़े स्तर पर लगी रोक*
*खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा हमारा प्रयास हर व्यक्ति को मिले सुरक्षित खाद्य पदार्थ और सामान*
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखंड की सख्ती का असर चारधाम यात्रा मार्गों और पर्यटन स्थलों में दिखाई दे रहा है। खाद्य विभाग की टीमों के लगातार चल रही छापेमार कार्रवाई, जगजागरूकता अभियानों का असर है कि इस बार मिलावटी खाद्य पदार्थों और सामान पर काफी हद तक रोक लग गई है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही विभाग ने व्यापक तैयारियां कर ली थी।
पिछली यात्राओं से मिले फीडबैक को इस बार की चारधाम यात्रा में शामिल किया गया। इसको लेकर मुख्यालय स्तर से लेकर जनपदस्तर तक व्यापक तैयारियां की गई। यात्रा व पर्यटन सीजन शुरू होने से पूर्व ही खाद्य जागरूकता को लेकर चारधाम यात्रा मार्ग और पर्यटन स्थलों पर व्यापक जनजागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया था जो लगातार अभी भी जारी है। इसके साथ ही खाद्य विभाग की टीमों का गठन कर उन्हें यात्रा मार्गो पर कड़ी निगरानी रखने व छापेमारी के निर्देश दिये गये थे। रूद्रपुर और देहरादून में हाईटेक लैब होने से जांच में तेजी आई है। जांच में दोषी पाये जाने पर संबधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिसका असर मिलावटखोरों में भी देखने को मिल रहा है।
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इस बार खाद्य विभाग ने यात्रा शुरू होने से पहले ही दो हजार से अधिक स्ट्रीट वेन्डरों को राज्य के विभिन्न जनपदों में प्रशिक्षित करने का काम किया। इसके साथ ही स्थानीय व्यापारियों, समाजसेवियों व गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी जागरूकता संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसका असर इस बार देखने को मिल रहा है। अगर हम पिछले 12 दिनों से चल रहे विशेष अभियान की बात करें तों खानपान की सामग्री में मिलावट प्रिछले साल की अपेक्षा कम पाई गई है। आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा पिछले 12 दिनों में यात्रा मार्ग हरिद्वार-ऋषिकेश से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के मार्गों में स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों आदि से कुल 601 नमूने लिए गए। मौके पर ही खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांची गई। इनमें से 72 नमूने (लगभग 12 प्रतिशत) परीक्षण में मानकों के अनुरूप सही नहीं (अधोमानक) पाए गए।
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इसके साथ ही जनवरी 2024 से मई 2024 तक 1763 नमूने लिये जा चुके हैं। जिनमें से प्राप्त जॉच रिपोर्ट 1040 हैं और अधोमानक नमूनो की संख्या 60 है।
जांच में दोषी पाये जाने वालों के विरूद्व विभागीय कार्रवाई के साथ ही मुकदमें दर्ज किये जा चुके हैं। डॉ आर राजेश कुमार ने कहा दुग्ध उत्पदों, खाद्य तेल, मसाले निर्माण इकाईयों का समय-समय पर निरीक्षण कर नियमों के उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही फलों पर भी नजर रखी जा रही है। विभिन्न मंडियों से फलों के सैंपल लेकर लैब में उनकी जांच की जा रही है। उन्होंने आम जनता से भी जागरूक होने की अपील की और किसी भी तरह की समस्या या शिकायत के लिए विभागीय टोल फ्री नम्बर 180018004246 पर जानकारी देने की बात कही।
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा खाद्य पदार्थों के साथ ही औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक उत्पादों के सैंपल लेकर उसकी भी जांच की जा रही है। देहरादून में बनी हाईटेक लैब में अत्याधुनिक मशीनों जांचें हो रही है। लैब की क्षमता 3000 सैंपलिंग की है। लैब में अब तक 2000 से अधिक जांच हो गयी हैं। लैब में ड्रग्स, टेबलेट, कप सिरप मसलन ओरल लिक्विड, मेडिकल डिवाइस और कास्मेटिक उत्पादों के सैपंलिंग की जांच की जाती है।
डॉ आर राजेश कुमार ने कहा सौंदर्य प्रसाधनों को लेकर महिलाओं में विशेष आर्कषण होता है। बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ असामाजिक तत्व नकली या मिलावटी सौंदर्य उत्पाद निर्मित कर बेचने का प्रयास करते हैं। विभाग ऐसे नकली उत्पाद निर्माण में जुटी कंपनियों के खिलाफ अंकुश लगाने में जुटा हुआ है। नकली और मिलावटी उत्पाद निर्मित करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। विभाग ने नकली दवा कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए विगत 03 साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं इनमें से 32 लोग जेल जा चुके हैं। लैब में आनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है।
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