यात्रा पर भी दिखने लगा मानसून का असर, 15 हजार का आंकड़ा 1,500 पर सिमटा
बदरीनाथ की यात्रा का पीक सीजन मई और जून में रहता है। जुलाई में बरसात शुरू होने के साथ ही यात्रा कम हो जाती है। शुक्रवार को धाम में दोपहर बाद श्रद्धालुओं की कोई लाइन नहीं लग रही है।
मानसून का असर यात्रा पर भी दिखने लगा है। बारिश होने और बार-बार हाईवे बंद होने से बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा बेहद कम हो गई है। पिछले 15 दिनों में यहां 5000 से भी कम श्रद्धालु पहुंचे हैं। बदरीनाथ धाम में कोई लाइन नहीं लग रही और दोपहर बाद मंदिर परिसर खाली हो जा रहा, जबकि मई-जून में जहां प्रतिदिन 15 हजार से अधिक तीर्थयात्री पहुंचते थे, वहीं अब यह संख्या 1500 पर सिमट गई है।
उधर, हेमकुंड साहिब में भी प्रतिदिन 300 से 500 श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बदरीनाथ की यात्रा का पीक सीजन मई और जून में रहता है। जुलाई में बरसात शुरू होने के साथ ही यात्रा कम हो जाती है। शुक्रवार को धाम में दोपहर बाद श्रद्धालुओं की कोई लाइन नहीं लग रही है।
ऐसे में श्रद्धालुओं को बदरीनाथ के दर्शनों में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। मई और जून में जहां हर दिन 15 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे थे, वहीं अब यह आंकड़ा 1,500 तक सिमट गया है। बदरीनाथ धाम में 18 जुलाई को 1,172 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि शुक्रवार को भी लगभग 1,200 ने दर्शन किए।
धाम में अभी तक 8,65,536 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यही स्थिति हेमकुंड साहिब की भी है। यहां प्रतिदिन 383 से 500 की संख्या में ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जबकि पूर्व मई-जून में यह संख्या 1,500 से 2,000 तक रहती थी। अभी तक 1,33,660 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं।
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