उत्तराखंड में टनल पार्किंग का सपना इस साल भी रह गया अधूरा, निर्माण कंपनी की तलाश जारी
प्रदेश में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए 12 शहरों में पहाड़ में टनल पार्किंग बनाई जानी थीं। इनमें पौड़ी में दो, टिहरी में छह, उत्तरकाशी में दो और नैनीताल में दो पार्किंग शामिल हैं।
उत्तराखंड में टनल पार्किंग का ड्रीम प्रोजेक्ट इस साल भी केवल सपना ही रह गया। 12 टनल पार्किंग में से सबसे पहले कैंप्टी की टनल पार्किंग का 120 करोड़ बजट जारी हुआ लेकिन एनएच का एलाइनमेंट बदलने के कारण निर्माण लटक गया। शासन ने निर्माण कंपनी एनएचआईडीसीएल को हटा दिया था लेकिन अब तक कोई नई कंपनी काम नहीं संभाल सकी।
प्रदेश में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए 12 शहरों में पहाड़ में टनल पार्किंग बनाई जानी थीं। इनमें पौड़ी में दो, टिहरी में छह, उत्तरकाशी में दो और नैनीताल में दो पार्किंग शामिल हैं। पहली टनल पार्किंग कैंप्टीफाल में टिहरी-कैंप्टीफाल मसूरी, मसीही मसूरी रोड के सामने बनाई जानी थी। इसके लिए डीपीआर बनने के बाद 120 करोड़ का बजट भी जारी हो गया था। यहां 400 वाहनों की पार्किंग होती लेकिन इसका निर्माण ही शुरू नहीं हो पाया।
टनल का काम शुरू होने को था कि इसके सामने से गुजर रही सड़क का एलाइनमेंट एनएच ने बदल दिया। इस कारण टनल के प्रवेश द्वार और सड़क के बीच पहाड़ आ गया। इस पहाड़ को बीच से हटाने या टनल पार्किंग को आगे बढ़ाने के लिए और बजट की जरूरत थी। इस कारण करीब एक साल से कैंप्टी टनल पार्किंग का काम अटका पड़ा है। कंपनी को हटाया गया लेकिन नई कंपनी अभी तक सामने नहीं आई। लिहाजा, टनल पार्किंग इस साल भी सपना ही रह गया।
किस जिले में कहां बननी है टनल पार्किंग
– पौड़ी-लक्ष्मण झूला और देवप्रयाग रेलवे स्टेशन के पास सौड़।
– ओल्ड टिहरी रोड कूड़ाघर के सामने (चंबा), नैनबाग धनोल्टी, छिलेड़ी गांव तेगड़ बाजार और थत्यूड़ बाजार, मेन बाजार, टिहरी-कैंप्टीफाल मसूरी।
– उत्तरकाशी-गंगोत्री और गंगनानी।
– नैनीताल-नैनीताल भवाली रोड पर कैंट बोर्ड की जमीन और नेशनल ऑब्जर्वेटरी के पास पहला मोड़।

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