आपदा ने दिए गहरे जख्म…दो महीने में 50 लोगों की हुई मौत, 28 लोग अब भी लापता
आपदा से सबसे ज्यादा रुद्रप्रयाग में 20 लोगों की मृत्यु हुई। ऊधम सिंह नगर में 10 और नैनीताल, चमोली और चंपावत जिले में आठ-आठ लोगों की जान गई।
उत्तराखंड में 15 जून के बाद आई आपदा ने गहरे जख्म दिए हैं। आपदा में 82 लोगों की मौत हुई है। इसमें 50 लोगों की मौत 31 जुलाई के बाद हुई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, आपदा से सबसे ज्यादा रुद्रप्रयाग में 20 लोगों की मृत्यु हुई। ऊधम सिंह नगर में 10 और नैनीताल, चमोली और चंपावत जिले में आठ-आठ लोगों की जान गई।
देहरादून में सात, टिहरी में छह और पिथौरागढ़ जिले में चार की मौत हुई। अल्मोड़ा, पौड़ी और हरिद्वार में तीन-तीन लोगों की मौत हुई। उत्तरकाशी में दो लोगों की मौत हुई थी। आपदा में 37 घायल भी हुए। वहीं, आपदा के कारण 28 लोग लापता हो गए
उत्तराखंड से हुई मानसून की विदाई
उत्तराखंड, हिमाचल और यूपी के विभिन्न हिस्सों से दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई हो गई। हालांकि, यूपी, राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में अगले दो से तीन दिनों में मानसून लौटेगा। नवरात्र के शुभारंभ से पहले मानसून ने विदाई ले ली है। ऐसे में अब मानसूनी बारिश की संभावनाएं समाप्त हो गई हैं। वहीं, अब कुछ दिन मौसम शुष्क रहेगा।
मौसम विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार बुधवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान के शेष भाग, पश्चिम उत्तर के कुछ भाग से लौट गया है। साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से अगले दो-तीन दिनों में मानसून के लौटने की संभावना है।
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