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देशभर में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बहस तेज़ हो चुकी है। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें इस मुद्दे पर पूरी तरह एकमत हैं। इसी कड़ी में आज देहरादून में छात्र नेताओं के साथ इस विषय पर अहम चर्चा हुई। खास बात यह रही कि कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धनकड़ और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी मौजूद रहे।0सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओमप्रकाश धनकड़ ने कहा कि 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन इंदिरा गांधी ने राजनीतिक स्वार्थ के चलते इस परंपरा को तोड़ दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि देश में समय और धन की भारी बर्बादी शुरू हो गई।0उन्होंने बताया कि रामनाथ कोविंद कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक राष्ट्र एक चुनाव से करीब एक तिहाई खर्च की बचत संभव है। लाखों करोड़ रुपये कार्यदिवसों और आचार संहिता की अवधि में होने वाली बंदिशों से भी बचाए जा सकते हैं। यही कारण है कि लोकसभा में 129वें संशोधन के लिए विधेयक संसदीय समिति के पास प्रस्तुत किया गया है।
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में छात्र नेताओं ने सम्मेलन में भाग लिया। क्योंकि छात्र नेता हर आंदोलन की नींव होते हैं, इसलिए इस चर्चा के बाद राज्य में भी एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर माहौल और मज़बूत होगा।

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