राज्य में लाल श्रेणी के उद्योगों को अनुमति देने की समय सीमा हुई कम, स्थापना के काम में आएगी तेजी
राज्य में उद्योगों की स्थापना के काम में तेजी आएगी। उद्योगों को प्रदूषण के हिसाब से रेड (लाल), आरेंज (नारंगी), ग्रीन (हरा), व्हाइट (सफेद) श्रेणी में रखा है। इसमें लाल श्रेणी के तहत स्टोन क्रशर, फार्मास्यूटिकल, पेपर इंडस्ट्रीज आदि आते हैं।
राज्य में लाल श्रेणी (रेड कैटेगिरी) के उद्योगों की स्थापना के काम में तेजी आ सकेगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीपीसीबी के जल अधिनियम-2024 को अंगीकृत किया है, इसके साथ ही लाल श्रेणी के उद्योगों की सैद्धांतिक और पूर्ण अनुमति की समय सीमा को कम कर दिया
उद्याेगों की स्थापना के लिए पीसीबी से अनुमति लेनी होती है। इन उद्योगों को प्रदूषण के हिसाब से रेड (लाल), आरेंज (नारंगी), ग्रीन (हरा), व्हाइट (सफेद) श्रेणी में रखा है। इसमें लाल श्रेणी के तहत स्टोन क्रशर, फार्मास्यूटिकल, पेपर इंडस्ट्रीज आदि आते हैं। पीसीबी से पहले इनको 60 दिन में सैद्धांतिक सहमति देने की व्यवस्था थी, जिसे कम कर 45 दिन कर दिया गया है।
इसी तरह 120 दिनों में पूर्ण अनुमति देने की व्यवस्था थी, जिसे 90 दिन कर दिया गया है। इसके अलावा पूरी व्यवस्था को फेस लेस किया गया है। अब इन कामों के लिए उद्योगों से जुड़े लोगों को पीसीबी कार्यालय में नहीं आना होगा। इससे पारदर्शिता और बढ़ेगी।
समय सीमा कम होने और कार्यालय में फाइल पहुंचाने की प्रक्रिया हटने से उम्मीद की जा रही है कि इससे उद्योगों की स्थापना में कम समय लगेगा साथ ही उद्योगपतियों को सुविधा भी होगी। यह फैसला हाल में यह फैसला प्रमुख सचिव व बोर्ड अध्यक्ष आरके सुधांशु की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में लिया गया है।
लाल श्रेणी में जो उद्योग आते हैं, उनको अनुमति देने की समय सीमा को कम किया गया है। इसके अलावा फेस लेस व्यवस्था को लागू किया गया है। इससे उद्योग लगाने वालों को सुविधा होगी। अन्य श्रेणी के उद्योगाें आदि के लिए समय पहले से कम था, इसलिए कोई अन्य बदलाव नहीं किया गया है। -डॉ. पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव पीसीबी

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