UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-दून पुलिस के लगातार प्रहार से सफेदपोश अपराधियों में हडकंप, बचने के हर पैंतरे हो रहे नाकाम, फर्जी रजिस्ट्री मामले में एक और अभियुक्त को एसआईटी ने किया गिरफ्तार

 

 

*दून पुलिस के लगातार प्रहार से सफेदपोश अपराधियों में हडकंप, बचने के हर पैंतरे हो रहे नाकाम*

*चाहे कितने भी हों शातिर, हर हाल में जायेंगे सलाखों के पीछे।*

*फर्जी रजिस्ट्री मामले में एक और अभियुक्त को एसआईटी ने किया गिरफ्तार, अब तक 18 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी।*

*कई और सफेदपोश हैं एसआईटी के रडार पर, जल्द होगी गिरफ्तारी*

*थाना कोतवाली नगर*

फर्जी रजिस्ट्री मामले में गठित एसआईटी टीम द्वारा मु0अ0स0 379/2023 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि की विवेचना में दिनांक- 12-10-23 को मुख्य अभियुक्त हुमायू परवेज को गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में उक्त प्रकरण में कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम भी प्रकाश आये थे। जिनके विरूद्ध साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुए दिनांक: 12-10-23 की देर रात्रि एसआईटी टीम द्वारा प्रकाश में आये एक अन्य अभियुक्त देवराज तिवारी को उपरोक्त मुकदमें में गिरफ्तार किया गया।

*अभियुक्त से पूछताछ का विवरण:-*

अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2014 में उसने मदन मोहन शर्मा स्वर्गीय गिरधारी लाल निवासी दूधली हाल निवासी दिल्ली की तरफ से खसरा नंबर 594, 595 मौजा माजरा का वाद सिविल सीनियर डिवीजन में कैंट बोर्ड से लड़ा था। वर्ष 2017 में उसके द्वारा मदन मोहन शर्मा के वाद को वापस ले लिया गया, वह समीर कामयाब के गोल्डन फॉरेस्ट के केस को भी लड रहा था। एक बार समीर, हुमायूँ परवेज को उसके चैम्बर में लाया था, तब उसने बताया कि माज़रा की एक जमीन है, जिसका केस वह मदन मोहन शर्मा दूधली वाले के नाम से लड़ रहा है । अभियुक्त ने समीर से कहा कि इस केस में जीतने के चांस कम है लिहाजा कोई ऐसा आदमी मिल जाये, जिसके नाम से रजिस्ट्री हो जाये तो काम हो जायेगा।
समीर की सहारनपुर में रजिस्ट्रार ऑफिस में पहचान थी तो उसने वहां से जरूरी जानकारी जुटा ली और फिर कुछ दिन बाद अभियुक्त तिवारी, समीर, हुमायूँ परवेज तथा समीर का साला शमशाद, समीर के किराये के घर सी-15 टर्नर रोड में मिले, जहाँ यह तय हुआ कि उक्त जमीन की रजिस्ट्री उसके मूल मालिक लाला सरणी मल से हुमायूँ के पिता जलीलू रहमान तथा लाला मणि राम से अभियुक्त के पिता अर्जुन प्रसाद के नाम पर करवाई जायेगी और बाद में जो भी पैसा मिलेगा, उसको सब आपस में बाँट लेंगे।
योजना के मुताबिक समीर कामयाब पुराने पेपर लेने के लिए सहारनपुर गया और अब्दुल गनी कबाड़ी की दुकान से पुरानी रद्दी के कोरे पेपर लाया जो रजिस्ट्री बनाने में काम आने थे। उसके बाद हुमायूँ और समीर कामयाब सहारनपुर रिकॉर्ड रूम में फर्जी रजिस्ट्री लगाने से सम्बन्धित जानकारी लेने सहारनपुर गये, जहाँ उन्होनें देव कुमार पुत्र श्री शोभा राम निवासी मोहल्ला नवीन नगर सहारनपुर, जो रिकार्ड रूम में काम करता था तथा पहले से ही समीर का परिचित था, से रजिस्ट्री बदलने के सम्बन्ध में जानकारी ली तो उसके द्वारा बताया गया की वर्ष 1958 की जिल्द का कोई इंडेक्स नहीं बना हुआ है, तुम इसी वर्ष की फर्जी रजिस्ट्री बना कर तैयार कर लो और साइज के लिए देव कुमार द्वारा किसी अन्य रजिस्ट्री की फोटो स्टेट दी और उसके बाद ये दोनों समीर कामयाब के घर पहुंचे।
फर्जी रजिस्ट्री तैयार करने के लिए पेपर की बिल्कुल उसी साइज की कटिंग और लाइनिंग समीर के द्वारा की गयी तथा छपाई समीर कामयाब ने कार्ड वालों के यहाँ से करवाई उसके बाद फर्जी रजिस्ट्री के पेपर को कॉफी या चाय के पानी में डुबा कर उन्हें सुखाते हुए उन पर प्रेस कर तैयार किये गये, फिर लाला सरणीमल एवं लाला मणिराम की 55 बीघा जमीन खसरा नंबर 594, 595 की वर्ष 1958 की फर्जी रजिस्ट्री हुमायूँ के पिताजी जलीलू रहमान एवं अभियुक्त के पिता अर्जुन प्रसाद के नाम पर अभियुक्त के घर पर सब लोगों के सामने तैयार की गयी। अंग्रेजी की ड्राफ्टिंग अभियुक्त तिवारी द्वारा तैयार की गयी थी, जिसे समीर कामयाब द्वारा बुलाई गई लड़की सना सैफी पुत्री इकबाल निवासी आजाद कॉलोनी टर्नर रोड के द्वारा रजिस्ट्री के कागजों में नकल किया गया। यह काम सना ने समीर कामयाब के कहने पर किया था।
फर्जी रजिस्ट्री तैयार होने के बाद उसे सहारनपुर के रिकॉर्ड रूम में जिल्द में चिपकाने के लिए 03 लाख रुपये देव कुमार निवासी सहारनपुर को देने की बात हुई और 03 लाख रुपये एवं फर्जी रजिस्ट्री लेकर शमशाद को भेजा गया, जिसने देव कुमार को 3 लाख रुपये व फर्जी रजिस्ट्री चिपकाने के लिए दे दी। दो-तीन दिन बाद उसकी नकल समीर कामयाब, वकील अहमद और हुमायूँ परवेज सहारनपुर से निकलवा कर ले आए और लाला सरणीमल एवं लाला मणिराम वाली 55 बीघा जमीन की पैमाइश करने के लिए हुमायूँ द्वारा एसडीएम के यहां एक वाद दायर किया गया और उसकी एक फाइल हाई कोर्ट में भी चला दी थी। हाई कोर्ट के आदेश से संयुक्त टीम द्वारा उक्त भूमि का निरीक्षण किया गया तथा हुमायूँ परवेज को कागज दिखाने को भी कहा परंतु उक्त जमीन वर्ष 1958 में ही तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा रक्षा मंत्रालय को हस्तान्तरित की गयी थी, जिस कारण हुमायूँ परवेज का वाद खारिज हो गया और सारे मंसूबों पर पानी फिर गया।

*गिरफ्तार अभियुक्त -*

देवराज तिवारी पुत्र अर्जुन प्रसाद निवासी THDC कॉलोनी निकट मधुर विहार फेज 2 बंजारा वाला, रोड़ नेहरू कॉलोनी, देहरादून, उम्र 64 वर्ष ।

*पुलिस टीम:-*
1. निरीक्षक राकेश गुसांई (प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर)
2. निरीक्षक नन्द किशोर भट्ट, प्रभारी एसओजी
3. उ0नि0 प्रदीप सिंह रावत व0उ0नि0 कोतवाली नगर
4. उ0नि0 आशीष रावत चौकी प्रभारी धारा
5. उ0नि0 श्री रजनीश सैनी (विवेचक)
6. हेड कानि0 किरण (एसओजी )
7. कानि ललित (एसओजी)
8. कानि0 पंकज (एसओजी )
9-कानि0 देवेन्द्र (एसओजी )
10-कानि0 आशीष (एसओजी )
11. कानि0 नरेंद्र रावत (एसओजी )
12- कां0 लोकेन्द्र उनियाल (कोतवाली नगर)

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top