ऊधमसिंहनगर में पुरानी, भूसा, पुयाल जलाने पर लगा प्रतिबंध। बढ़ते प्रदूषण और आग की घटनाओं के मध्येनजर डीएम ने लगाई रोक
रुद्रपुर:-जिला मजिस्टेट उदयराज सिंह ने बताया कि विभिन्न माध्यमों/श्रोतो से ज्ञात हुआ है कि जनपद में फसल कटाई के उपरांत खाली खेतों में गेहूं/धान की बची हुई (अवशेष)/चारा आदि को जलाया जाता है, जिससे जहां एक ओर पर्यावरण/वातावरण प्रदूषित होता है वही बुजुर्गों, छोटे बच्चों के साथ ही आम जनमानस को भी श्वांस सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्मी बढ़ रही है, जिससे आग लगने की सम्भावना भी बढ़ रही है।
इसके अतिरिक्त पर्यावरण/वातावरण फैली धुंध से परिवहन में भी काफी दिक्कते आती है। उन्होने बताया कि वर्तमान स्थिति में गेहूं/धान की बची हुई अवशेषों भूसा, पराली, पुआल आदि जलाये जाने पर प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक है।
जिला मजिस्टेट ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जनपद में भूसा, पराली, पुआल आदि को खेतों में व अन्य स्थानों पर जलाने पर तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण रूप से 30 जून 2024 तक रोक लगाई है। उपरोक्त आदेश का उल्लंघन वर्तमान में प्रवृत्त अन्य कानूनों के प्रासंगिक प्राविधानों व नियमों के तहत अनुमन्य न होने के कारण भा.द.सं. की धारा-188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दण्डनीय
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