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Big breaking :- बंद हुए तीन धाम, 6 महीने में 53 भक्तों की गई जान, इस धाम में ज्यादा मौतों की क्या वजह?

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Chardham Yatra 2024: 6 महीने में 53 भक्तों की गई जान, इस धाम में ज्यादा मौतों की क्या वजह?
बीती 10 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा में इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं में 53 की मौत अब तक हुई है। जिनमें यमुनोत्री धाम में 40 और गंगोत्री धाम में 13 तीर्थयात्री शामिल हैं।

 

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 नवंबर महीने में अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। दो नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद आज 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए है। उसके बाद रविवार दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी विधि विधान से बंद कर दिए गए हैं।

बीती 10 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा में इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं में 53 की मौत अब तक हुई है। जिनमें यमुनोत्री धाम में 40 और गंगोत्री धाम में 13 तीर्थयात्री शामिल हैं।

बताया गया है कि कठिन चढ़ाई के साथ ही मौसम में बदलाव भक्तों की मौत का मुख्य वजह बन रहा है। इसके अलावा, डॉक्टरों का कहना है कि बीमार और बुजुर्ग भक्तों को अपना पूरा स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही चारधाम यात्रा पर जाना चाहिए।

चारधाम यात्रा रूट पर 3 कांवड़िए लापता है। जिनका अभी अभी तक पता नहीं चल पाया है। गत वर्ष की बात करें तो वर्ष 2023 में यमुनोत्री धाम में 62 लोगों की मौत हुई थी। जिनमें यमुनोत्री में 41 और गंगोत्री में 21 तीर्थयात्री यात्रा के दौरान अपनी जान गंवाए थे।

15 लाख से अधिक लोग पहुंचे गंगोत्री-यमुनोत्री
गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद बंद कर दिए गए हैं। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। लेकिन छह माह के इस यात्राकाल में इस वर्ष रिकार्ड संख्या में तीर्थ यात्री इन दोनों धामों के धामों के दर्शन को पहुंचे हैं।

दोनों धामों में अब तक 15,21,752 तीर्थयात्रियों दर्शन कर चुके हैं। जिनमे से यमुनोत्री धाम में 7,10,210 और गंगोत्री धाम में 8,11,542 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। अक्षय तृतीय के पर्व पर गत 10 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाटोद्घाटन के साथ प्ररांभ हुई चारधाम यात्रा का वर्तमान सत्र अब समाप्त होने जा रहा है।

यमुनोत्री मंदिर के कपाट आज रविवार को भाई दूज के पावन पर्व पर दोपहर 12:03 पर बंद कर दिए जाएंगे। इन दोनों धामों की तुलना में गत वर्ष का आंकलन करें तो 22 अप्रैल 2023 को कपाटोद्घाटन के बाद गंगोत्री मंदिर के कपाट 14 नवंबर 2023 को तथा यमुनोत्री मंदिर के कपाट 15 नवंबर 2023 को बंद हुए थे।

इस प्रकार बीते वर्ष गंगोत्री धाम की यात्रा 207 दिन और यमुनोत्री धाम की यात्रा 208 दिनों तक संचालित हुई थी। जिसमें गंगोत्री धाम में 905456 यात्री तथा यमुनोत्री धाम में 737245 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए थे।

 

इस वर्ष गंगोत्री धाम का यात्रा काल 177 दिन और यमुनोत्री धाम का यात्रा काल 178 दिनों का रहा है। इसके बावजूद अभी तक 15 लाख से अधिक श्रद्धालु मां गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन कर लौट चुके हैं।

बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवम्बर को होंगे बंद

बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 17 नवम्बर को रात्रि 9 बजकर 7 मिनट पर बंद होंगे। बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने से पूर्व श्रद्धालु भगवान के दर्शन करना चाहते हैं। इसलिए अक्तूबर से लेकर अभी तक प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। शनिवार को भी 6500 से अधिक श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे। पुलिस प्रशासन द्वारा दिए आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार तक बदरीनाथ में यात्रा अवधि में 12 लाख 74 हजार से अधिक यात्री बदरीनाथ धाम दर्शन के लिए पहुंचे।

पहाड़ में इस समय मौसम खुशगवार है। इसलिए बदरीनाथ सहित सभी मंदिरों में भारत ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु बदरीनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व प्रकृति और भगवान दोनों के दर्शन के लिए यहां आ रहे हैं। आम और खास सब भगवान के दरबार में माथा टेकने के लिए पहुंच रहे हैं।

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Author: Swati Panwar
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