उत्तराखंड बोर्ड रामनगर के शिक्षकों को अनिवार्य तबादलों से छूट की तैयारी, निदेशालय भेजेंगे प्रस्तावपिछले कई वर्ष से कार्यरत शिक्षकों के अनिवार्य रूप से दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में तबादले किए जाएंगे, लेकिन उत्तराखंड बोर्ड रामनगर के शिक्षकों को अनिवार्य तबादलों की जद में न लिया जाए, इसके लिए बोर्ड की ओर से शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखा गया है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में कार्यरत शिक्षकों के जहां अनिवार्य तबादले होंगे, वहीं उत्तराखंड बोर्ड रामनगर के शिक्षकों को तबादलों से छूट दिए जाने की तैयारी है। शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।एससीईआरटी और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों का कोटिकरण करते हुए इन सभी को सुगम क्षेत्र में शामिल किया गया है। जिनमें पिछले कई वर्ष से कार्यरत शिक्षकों के अनिवार्य रूप से दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में तबादले किए जाएंगे, लेकिन उत्तराखंड बोर्ड रामनगर के शिक्षकों को अनिवार्य तबादलों की जद में न लिया जाए, इसके लिए बोर्ड की ओर से शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखा गया है।
उत्तराखंड बोर्ड रामनगर की ओर से कहा गया कि बोर्ड के शिक्षकों को अनिवार्य तबादलों से छूट दी जाए। बोर्ड के सचिव विनोद सिमल्टी बताते हैं कि बोर्ड के शिक्षकों की कार्य संस्कृति अलग है। बोर्ड की ओर से न सिर्फ 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं, बल्कि शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं डीएलएड सहित कुछ अन्य परीक्षाएं भी कराता है।काम होंगे प्रभावित
राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों एवं एकलव्य आवासीय विद्यालयों के लिए प्रवेश परीक्षा और अंक सुधार परीक्षा भी रामनगर बोर्ड कराता है। परीक्षाओं की गोपनीयता बनी रहे, इसके लिए बोर्ड में कार्यरत शिक्षकों के अनिवार्य तबादले नहीं किए जाने चाहिए। यदि हर साल शिक्षकों के तबादले होते रहे तो इससे काम तो प्रभावित होगा ही परीक्षाओं की गोपनीयता भी प्रभावित हो सकती है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक, एससीईआरटी और डायटों में कार्यरत शिक्षकों के अनिवार्य तबादले होंगे। वहीं, उत्तराखंड बोर्ड रामनगर के प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा।
शिक्षा विभाग ने तबादलों के लिए मांगा और समय
तबादला एक्ट के तहत तबादलों के लिए समय सीमा तय की गई है। सभी विभागों को तय समय पर तबादले करने हैं, लेकिन शिक्षा विभाग का कहना है कि लोकसभा चुनाव की वजह से तबादलों के लिए तय समय सारणी के अनुसार सूचनाएं समय पर नहीं मिल पाई है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने तबादलों के लिए और समय मांगा है। शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने कहा, शासन को तबादला सत्र 2024-25 में तबादलों के लिए समय बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है।100 से अधिक का है स्टाफ
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर में करीब 100 से अधिक लोगों का स्टाफ है, जिसमें शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। यदि शासन से इन्हें अनिवार्य तबादलों से छूट मिली तो इनके सुगम और दुर्गम क्षेत्र में तबादले नहीं होंगे
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