प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत चार हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने शुक्रवार से बेमियादी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। गुरुवार दोपहर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में यमुना कॉलोनी में हुई बैठक में अतिथि शिक्षकों को मनाने का प्रयास तो किया गया, लेकिन ठोस कार्यवाही होने से पहले उन्होंने आंदोलन वापस लेने से इनकार कर दिया। शिक्षा मंत्री ने अतिथि शिक्षकों को उनके पदों को तीन साल तक फ्रीज रखने का फार्मूला सुझाया था, लेकिन अतिथि शिक्षकों ने उसे खारिज कर दिया।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि वर्ष 2022 में भी आंदोलन किया गया था। तब भी तमाम आश्वासन दिए गए थे, लेकिन कार्यवाही नहीं की गई। यदि सरकार सभी रिक्त पदों को अतिथि शिक्षकों के लिए रिजर्व करती है तो ही आंदोलन वापसी या स्थगित करने पर विचार किया जा सकता है।
अतिथि शिक्षकों ने दो अगस्त से शिक्षा निदेशालय घेराव के साथ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि नौ साल से अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं, लेकिनउनके सुरक्षित भविष्य के लिए कोई नीति नहीं बनी। हर साल तबादला होने पर सैकड़ों अतिथि शिक्षकों को हटना पड़ता है।
वार्ता में संघ के अध्यक्ष भट्ट के साथ पुनीत पंत, संजय नौटियाल और विभाग की ओर से डीजी-शिक्षा
बंशीधर तिवारी, अपर सचिव एमएम सेमवाल, प्रभारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक अजय नौड़ियाल, निदेशक- एआरटी वंदना गब्र्व्याल, संयुक्त निदेशक डॉ. आनंद भारद्वाज, रघुनाथ लाल आर्य, अनिल पांडे आदि शामिल रहे।
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