*लोकतंत्र को सुदृढ़ करती है शुद्ध मतदाता सूची*
*मतदाता सूची तैयार करने के हर चरण में राजनैतिक दलों की भागीदारी*
*मतदाताओं और राजनैतिक दलों को त्रुटियों को सुधारने का दिया गया पर्याप्त समय और अवसर*
1. भारत में संसद एवं विधानसभा चुनावों की निर्वाचन प्रणाली कानून के अनुसार एक बहु-स्तरीय विकेन्द्रित संरचना है।
2. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर, उप जिलाधिकारी (SDM) स्तर के अधिकारी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) के रूप में निर्वाचक नामावली (ER) तैयार करते और अंतिम रूप देते हैं। इन्हें बूथ स्तर अधिकारियों (BLO) की सहायता प्राप्त होती है। ERO और BLO मतदाता सूची की शुद्धता के लिए जिम्मेदार होते हैं।
3. ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद, उसकी डिजिटल एवं भौतिक प्रतियां सभी राजनैतिक दलों के साथ साझा की जाती हैं और किसी भी व्यक्ति के देखने हेतु निर्वाचन आयोग (ECI) की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाती हैं। ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद, मतदाताओं और राजनैतिक दलों को दावे एवं आपत्तियां दर्ज करने हेतु अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने से पूर्व पूरे एक महीने की अवधि उपलब्ध होती है।
4. अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद, उसकी डिजिटल और भौतिक प्रतियां पुनः सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के साथ साझा की जाती हैं और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती हैं।
5. अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद अपील की दो-स्तरीय प्रक्रिया उपलब्ध है, जिसमें पहली अपील जिला मजिस्ट्रेट (DM) के समक्ष तथा दूसरी अपील प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के समक्ष की जा सकती है।
6. कानून, नियम और दिशानिर्देशों के अनुसार वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया की प्रमुख विशेषता पूर्ण पारदर्शिता है।
7. प्रतीत होता है कि कुछ राजनैतिक दलों एवं उनके बूथ स्तर अभिकर्ताओं (BLA) ने समय पर मतदाता सूची की जांच नहीं की और यदि कोई त्रुटि थी भी तो उसे एसडीएम/ईआरओ, डीईओ अथवा सीईओ के संज्ञान में नहीं लाया।
8. हाल ही में कुछ राजनैतिक दल और व्यक्तियों ने मतदाता सूची में त्रुटियों, जिसमें पूर्व में तैयार की गई नामावलियां भी शामिल हैं, पर प्रश्न उठाए हैं।
9. मतदाता सूची से संबंधित किसी भी मुद्दे को उठाने का उपयुक्त समय उस चरण की दावे और आपत्ति अवधि होती है, और इसी उद्देश्य से मतदाता सूची राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के साथ साझा की जाती है। यदि ये मुद्दे समय पर उचित माध्यम से उठाए जाते तो संबंधित एसडीएम/ईआरओ वास्तविक त्रुटियों को उन चुनावों से पहले ही सुधार सकते थे।
10. निर्वाचन आयोग (ECI) राजनैतिक दलों एवं किसी भी मतदाता द्वारा मतदाता सूची की जांच का स्वागत करता है। इससे एसडीएम/ईआरओ को त्रुटियों को दूर करने और मतदाता सूची को शुद्ध बनाने में सहायता मिलेगी, जो हमेशा से निर्वाचन आयोग का उद्देश्य रहा है।

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