आज राज्य कर्मचारी सयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे एवं प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में कार्मिक हित से जुड़े हुए कई प्रकरणों पर पूर्व निर्धारित समय के अनुसार मुख्यमंत्री जी से बैठक कर सकारात्मक समाधान किए जाने की मांग की ।
परिषद के प्रवक्ता जोशी के अनुसार प्रतिनिधिमंडल द्वारा जिन प्रकरणों पर माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात की उनमें सम्मिलित मुख्य मांगें निम्ननिलिखित थीं-
1. एसीपी के अन्तर्गत 10,16,26 वर्ष की सेवा पर तीन पदोन्नत वेतनमान प्राप्त न कर पाने वाले कार्मिकों का संवर्गवार आंकड़ा वित्त विभाग के पास एकत्र हो चुका है, अतः तद्नुसार पूर्व की भांति 10,16,26 वर्ष की सेवा पर एसीपी के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले पदोन्नत वेतनमान की सुविधा को पुनः बहाल किया जाए ।
2. वेतन समिति के सम्मुख विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगति दूर किए जाने हेतु वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए ।
3. पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था को पूर्ववत बहाल किया जाए ।
4. गोल्डन कार्ड के अन्तर्गक ओपीडी एवं जनऔषधि केन्द्रों में कैशलेश दवा एवं सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में जाँच को कैशलेश किया जाए ।
5. घटक संघों की शासन स्तर पर वार्ता आयोजित की जाए एवं कार्मिक सचिव के निर्देशानुसार जनपद, मण्डल एवं शासन स्तर पर कार्मिक संगठनो के साथ वार्ता की जाए ।
6. एलटीसी के अन्तर्गत 5400 ग्रेड वेतन प्राप्त कर रहे कार्मिकों को हवाई यात्रा की सुविधा दी जाए एवं साथ ही एलटीसी में अधिकतम 15 दिन अथवा वास्तविक यात्रा के आधार पर अवकाश की व्यवस्था की जाए ।
7. वाहन भत्ता प्रतिमाह 1200 से बढाकर 2500 किया जाए ।
8. एनपीएस के स्थान पर विभिन्न राज्य सरकारों यथा छत्तीसगढ, राजस्थान एवं झारखण्ड की भांति पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए ।
9. विभिन्न विभागों की पदोन्नति सेवा नियमावली एवं पुनर्गठन हेतु मुख्य सचिव स्तर पर बैठक आयोजित की जाए ।
10. सम्स्त निगम, निकाय, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, अशासकीय विद्यालयों में राज्य कार्मिकों की भांति समस्त सुविधाएं अनुमन्य करने का निर्णय शासन स्तर पर किया जाए ।
11. दिव्यांग कार्मिकों के लिए स्थानान्तरण एक्ट में 40 प्रतिशत अथवा 40 प्रतिशत से अधिक का अंकन किया जाए ।
12. राजधानी के विभागीय निदेशालयों एवं आयुक्त कार्यालयों में सचिवालय की भांति 5 दिवसीय कार्यालय अवकाश लागू किया जाए ।
13. समस्त वर्दीधारियों को पुलिस कर्मियों की भांति सुविधाए अनुमन्य की जाए ।
14. आउटसोर्स कार्मिकों की सेवा बरकरार रखे जाने हेतु सम्बन्धिको निर्देशित किया जाए ।
15. 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाए ।
16. विभिन्न विभागों में एकलपदों की पदोन्नति हेतु ढांचा पुनर्गठित किया जाए ।
प्रान्तीय प्रवक्ता जोशी ने बताया कि उक्त के अतिरिक्त परिषद द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष घटक संघों की निम्न मांगों को भी रखते हुए समाधान किए जाने हेतु अनुरोध किया गया, जिनमें –
a) मतस्य विभाग उत्तराखण्ड में सहायक निदेशक मतस्य के 09 पदों पर दिनांक 03 अगस्त 2022 को डीपीसी के उपरांत आयोग द्वारा दिनांक 12 अगस्त 2022 को इसकी संस्तुति शासन को प्रेषित कर दिए जाने के उपरांत भी एक वर्ष उपरान्त भी पदोन्नति के आदेश शासन स्तर से जारी न हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है, माननीय मुख्यमंत्री जी से उक्त प्रकरण का निस्तारण किए जाने की मांग की गई ।
b) पंचायत राज कार्मिकों का जनवरी 2023 (हड़ताल अवधि) का वेतन भी आहरित कराए जाने की मांग माननीय मुख्यमंत्री जी से की गई ।
c) परिषद के संरक्षक श्री ओमवीर सिंह द्वारा राजकीय पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत विकल्प चुनने का एक और मौका दिए जाने की मांग माननीय मुख्यमंत्री जी से की गई ।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्री पाण्डे के अनुसार बैठक अत्यंत सकारात्मक वातावरण में हुई। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कई मांगों पर सहमति भी जाहिर की गई है, जिससे राज्य कार्मिकों के मन में पुनः आशा जगी है, कि जल्द ही राज्य कार्मिकों के हित में कुछ बड़े निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिए जाएंगे । उक्त बैठक में सचिव कार्मिक श्री शैलेश बगोली जी भी उपस्थित थे । परिषद के प्रतिनिधिमंडल में परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण पांडे,महामंत्री श्री शक्ति प्रसाद भट्ट एवं संरक्षक चौधरी ओमवीर सिहं सम्मिलित थे ।
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