दिनांक १९-१२-२०२५- राज्य कर्मचारी सयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने प्रेस स्वीकृति जारी कर बताया कि आज परिषद के प्रतिन मंडल ने मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन से उनके सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर शिकायत की कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखण्ड, के मांग पत्र पत्रांक पर शासन व सरकार के स्तर पर हुई विभिन्न बैठकों में लिये गये

निर्णय के क्रम में विभिन्न बिन्दुओं पर उत्तराखण्ड शासन के वित्त सहित अन्य विभागों के स्तर से कार्यवाही की जानी थी। किन्तु उन पर परिषद के द्वारा लगातार की जा रही मांग के बावजूद महोदय की अध्यक्षता में सम्बन्धित पक्षों की एक बैठक आतिथि तक आयोजित नहीं की गयी है. जिससे कार्मिकों में भारी रोष व्याप्त है।
श्री पांडे ने बताया कि परिषद की निम्नलिखित मांगों को लेकर परिषद लगातार निराकरण हेतु प्रयासरत है किंतु अतिथि तक उन पर शासन स्तर पर निर्णय लेना तो दूर एक भी बैठक का आयोजन नहीं किया किया गया है, जिससे प्रदेश के कर्मचारी अत्यधिक रोष में हैं एवं किसी भी समय आंदोलन के रूप में रोष का प्रकटीकरण किया जा सकता है।
1. ए०सी०पी० के अन्तर्गत 10, 16 एंव 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान दिये जाने हेतु विभिन्न विभागों में तीन पदोन्नति न प्राप्त कर सकने वाले कार्मिकों का संवर्गवार आंकडा वित्त विभाग द्वारा सम्बन्धित विभागों से एकत्र किये जाने हेतु वर्ष 2023 से पत्राचार किया जा रहा है किन्तु संज्ञान में आया है कि कतिपय विभागों द्वारा आतिथि तक लगभग तीन वर्ष की समयसीमा पूर्ण होने के उपरान्त भी सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी है। ऐसे विभागाध्यक्षों को चिहिन्त करके उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही अपनाई जाय। साथ ही उक्त प्रकरण पर शीघ्रातिशीघ्र निर्णय करते हुए पात्र कार्मिकों को जिन्हें तीन पदोन्नति प्राप्त न कर सकने वाले कार्मिकों को 10, 16, 26 वर्ष की सेवा उपरान्त ए०सी०पी० के अन्तर्गत पदोन्नत वेतनमान दिया जा सके।
2. गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत ओ०पी०डी० में जन औषधि केन्द्रों से कैशलैश दवा एंव सुपरस्पेस्लिसट पंजीकृत चिकित्सालयों में कैशलैश जांच की सुविधा अनुमन्य की जाय।
3. वेतन समिति के सम्मुख विभिन्न संवगों की वेतन विसंगति दूर किये जाने हेतु मजबूत पैरवी की गयी साथ ही दिनांक 12.8.2022 की वार्ता में वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाय। भारत सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन हेतु निर्णय लिया जा चुका है। उक्त के दृष्टिगत सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किये जाने हेतु गठित वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाय।
4. पदोन्नति में शीथिलीकरण की अवधि से प्रोवेशन की शर्त को हटाया जाय।
5. वाहन भत्ता प्रतिमाह 1200 रू0 में बढ़ोत्तरी की मांग परिषद द्वारा की गयी थी जिसके आधार पर वाहन भत्ते की दरों में वृद्धि की गयी किन्तु की गयी वृद्धि का लाभ 2013 के शासनादेश द्वारा वाहन भत्ता प्राप्त कर रहे कार्मिकों को नहीं प्राप्त हो रहा है। परिषद की मांग है कि अपर मुख्य सचिव वित की अध्यक्षता में आहुत बैठक में बनी सहमति के अनुसार वंचित कार्मिकों को भी वाहन भत्ते की बढी दरों का लाभ अनुमन्य किया जाय। एव उक्त के साथ ही यात्रा भत्ता की दरों में संशोधन के प्रस्ताव को मा० मंत्रीमण्डल की आगामी बैठक में स्वीकृत कराया जाय।
6. विभिन्न विभागों के पुर्नगठन एंव सेवा नियमावलीयों में संशोधन के सम्बध में विभाग, शासन एंव वेतन समिति के स्तर पर कार्यवाही लम्बित है जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर सम्बन्धित विभागीय संगठनों को विश्वास में लेकर पूर्ण किया जाय।
27. परिषद के संज्ञान में यह भी आया है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा गोल्डन कार्ड धारकों से कैशलेश चिकित्सा हेतु मात्र कटौती की धनराशि से ही भुगतान किया जा रहा है जबकि समस्त राज्यकर्मी एंव पेशनर पूर्व की भांति चिकित्सा प्रतिपूर्ति के हकदार हैं इसलिए चिकित्सा प्रतिपूर्ति एंव चिकित्सालयों के भुगतान हेतु कम पड़ रही धनराशि को सरकार वहन करे।
8. एन०पी०एस० के स्थान पर अन्य राज्यो यथा पंजाब एंव राजस्थान की भांति पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाय।
9. आठवें वेतन आयोग के सम्बध में भारत सरकार द्वारा अपने अर्द्धशासकीय पत्र के माध्यम से राज्यों से सुझाव आमन्त्रित किये गये हैं उक्त के क्रम में मांग है कि परिषद को आमन्त्रित कर उसके सुझावों को सम्मलित करते हुए भारत सरकार को राज्य सरकार प्रेषित करें।
10. वर्कचार्ज कर्मियों को मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार अनुमन्य की गयी पेंशन एंव ग्रेच्युटी के भुगतान को लेकर आ रही समस्या के निराकरण हेतु शासन व सरकार के स्तर से कार्यवाही कर समस्या का समाधान किया जाय।
11. सेवा निवृत्त कार्मिकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु बिल आहरण वितरण अधिकारी अथवा सम्बन्धित कोषागार के माध्यम से प्रस्तुत करने की व्यवस्था चिकित्सा विभाग द्वारा जारी शासनादेश में की गयी है। किन्तु वित्त विभाग से शासनादेश जारी न होने के कारण कतिपय कोषागार इस सम्बन्ध में आनाकानी कर रहे हैं। अतः इस हेतु वित्त विभाग द्वारा भी शासनादेश निर्गत किया जाय।
12. समस्त वर्दीधारियों को पुलिस कर्मियो की भांति सुविधाए अनुमन्य किये जाने की मांग पर शासन स्तर पर कार्यवाही लम्बित है। कृपया मांग पूर्ण करायी जाय।
13. दिनांक 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवा निवृत्त होने वाले कार्मिकों को वेतनवृद्धि के लाभ के शासनादेश में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किये गये शासनादेशानुसार संशोधित किया जाय।
14. हरियाणा, राजस्थान एंव पंजाब राज्यों द्वारा राशिकरण की कटौती के समय में की गयी कमी के दृष्टिगत उत्तराखण्ड के सेवा निवृत्त एंव सेवारत कार्मिकों के राशिकरण की कटौती पर भी समय में कमी की जाय।
15. राज्य कर्मियों को भी केन्द्र की भांति मकान किराया भत्ता अनुमन्य किया जाय।
16. विभिन्न विभागों में पदोन्नति सेवानियमावली एंव पुर्नगठन हेतु मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक आयोजित की जाय।
17. समस्त निगम / निकाय/विश्वविद्यालय/राजकीय विश्वविद्यालय / महाविद्यालय/अशासकीय विद्यालय सहित अन्य समान प्रकृति के कार्मिकों को राज्य कर्मियों की भांति समस्त सुविधाए अनुमन्य करने का निर्णय शासनस्तर पर किया जाय।
18. आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों की सेवा बरकरार रखने हेतु सम्बधित को निर्देशित किया जाय
परिषद के प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिव महोदय से अनुरोध किया कि उपरोक्त संदर्भित बिन्दुओं के निराकरण के सम्बन्ध में समस्त सम्बन्धित पक्षों के साथ मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करें जिससे लंबित प्रकरणों का निपटारा किया जा सके। आज के प्रतिनिधि मंडल में परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ,प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट एवं कोषाध्यक्ष श्री रविंद्र सिंह चौहान शामिल थे।की कृपा करेंगे।

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