UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-वाहनों की मॉडल सीमा का फैसला एसटीए ने लटकाया, रैपिडो समेत चार को एग्रीगेटर लाइसेंस पर रजामंदी

 

वाहनों की मॉडल सीमा का फैसला एसटीए ने लटकाया, रैपिडो समेत चार को एग्रीगेटर लाइसेंस पर रजामंदी

एसटीए की बैठक में दो मामलों पर परिवहन कारोबारियों का विरोध देखने को मिला। पहला मामला वाहनों की मॉडल सीमा यानी परमिट की निर्धारित अवधि पूरी करने के बाद उस मार्ग से वाहन हटाने की सीमा को लेकर रखा गया।

प्रदेश में वाहनों की मॉडल सीमा का फैसला फिलहाल राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने लटका दिया है। इसके लिए गठित समिति को कुछ बिंदुओं पर स्थित स्पष्ट करने को कहा गया है। वहीं, रैपिडो सहित पांच को एग्रीगेटर लाइसेंस देने पर सहमति बन गई है। दोनों ही बिंदुओं पर परिवहन कारोबारियों ने विरोध जताया

परिवहन मुख्यालय में परिवहन आयुक्त एवं सचिव बृजेश कुमार संत की अध्यक्षता में एसटीए की बैठक हुई, जिसमें दो मामलों पर परिवहन कारोबारियों का विरोध देखने को मिला। पहला मामला वाहनों की मॉडल सीमा यानी परमिट की निर्धारित अवधि पूरी करने के बाद उस मार्ग से वाहन हटाने की सीमा को लेकर रखा गया।

 

इसके लिए पिछले साल एसटीए ने उप परिवहन आयुक्त दिनेश चंद्र पठोई की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट एसटीए बैठक में रखी गई। समिति ने सिफारिश की कि पर्वतीय मार्गों पर वाहनों की मॉडल सीमा 15 वर्ष और मैदानी इलाकों में 18 वर्ष करने की सिफारिश की गई।

स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश
ये भी सिफारिश थी कि पर्वतीय मार्गों पर टैक्सी, मैक्सी कैब की मॉडल सीमा 12 वर्ष पूरी होने के बाद छह-छह माह का स्वस्थता प्रमाणपत्र तीन साल तक दिया जा सकता है। इस पर परिवहन कारोबारियों ने सख्त आपत्ति जताई। परिवहन आयुक्त बृजेश कुमार संत ने समिति की रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। फिलहाल मॉडल सीमा का मामला लटक गया है।

रैपिडो समेत चार को एग्रीगेटर लाइसेंस पर सहमति

हल्द्वानी के दीप चंद्र पांडे ने 200 एंबुलेंस, 500 तिपहिया वाहनों के एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इसी प्रकार दोपहिया सेवा देने वाली रैपिडो, रूपकुंड पर्यटन विकास समिति, ऋषिकेश के वेदांश पांडे ने भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। परिवहन कारोबारियों ने इसका विरोध किया। मसूरी की यूनियन के सुंदर सिंह पंवार ने इसे टैक्सी चालकों के हितों पर हमला करार दिया। देहरादून महानगर सिटी बस सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने भी विरोध जताया। एसटीए का तर्क था कि बाजार में होने वाली प्रतिस्पर्धा उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी है। लिहाजा, इनके लाइसेंस को हरी झंडी दी गई।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top