रफ्तार के शौक में वाहन चालक नहीं करते राहगीरों की परवाह, एक साल में करीब 20 लोगों की गई जान
बीते एक साल में करीब 20 राहगीरों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है। होली से एक दिन पहले एक साथ चार मजदूरों को लग्जरी कार ने कुचला था।
सड़कों पर रफ्तार के शौक में अक्सर वाहन चालक पैदल चल रहे लोगों की जान की परवाह नहीं करते। इसी का नतीजा है कि देहरादून जिले में एक साल में करीब पैदल 20 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। इनमें कोई बुजुर्ग सड़क पार कर रहा था तो कोई सड़क के किनारे अपनी मंजिल नाप रहा था।
किसी के हाथ में अपने पिता का हाथ था तो कोई त्योहार पर अपनों के पास पहुंचने के लिए सड़क पर झपट रहा था। तेज रफ्तार वाहनों के आगे बेबस इन पैदल जिंदगियों में से कई ने तो महीनों अस्पताल में उपचार कराते दम तोड़ा तो कोई पलक झपकते ही काल का ग्रास बन गया।
हादसा एक
12 मार्च 2025 को राजपुर रोड पर सड़क किनारे चल रहे चार मजदूरों को एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने कुचल दिया। टक्कर लगने के बाद इनमें से कई तो 50 मीटर दूर जाकर गिरे। सभी की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में दो और लोग घायल हुए। यह हादसा होली की पूर्व संध्या पर हुआ। ये सभी मजदूर अपने ठेकेदार से एडवांस लेकर परिवार में होली की खुशियां मनाने के लिए जा रहे थे।
हादसा दो
23 अप्रैल 2025 को मालदेवता क्षेत्र में एक बुजुर्ग को तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। उस वक्त बुजुर्ग सड़क पार कर रहे थे। नशे में धुत वाहन चालक अपने रफ्तार के शौक को पूरा कर रहा था। नतीजा यह हुआ कि एक दिन उपचार में रहने के बाद बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया।
हादसा तीन
11 फरवरी 2025 पटेलनगर क्षेत्र में एक तेज रफ्तार वाहन ने सड़क किनारे पैदल चल रहे दो लोगों को टक्कर मार दी। इनमें एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, दूसरा कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा। हादसे के बाद वाहन चालक को पकड़ा गया।
दिन ढलने के बाद होते हैं ज्यादातर हादसे
शहर की सड़कें दिनभर वाहनों से लबालब रहती हैं। रेंगते वाहनों से जाम तो लगता है, लेकिन हादसे की संभावना बेहद कम रहती है। मगर ये वाहन जब दिन ढलते ही सड़कों पर दौड़ते हैं तो हादसों की संभावनाएं कई गुना हो जाती हैं। यही कारण है कि पैदल लोगों को टक्कर मारने की ज्यादातर घटनाएं दिन ढलने के बाद ही होती हैं। उस वक्त धीमी रोशनी में वाहन चालकों को आसपास का अंदाजा भी कम रहता है। ज्यादातर वाहन चालक इस धीमी रोशनी में हेड लाइट ही ऑन नहीं करते। इसके अलावा खाली गलियों में भी पैदल लोग तेज रफ्तार वाहनों का शिकार होते हैं।
कई चौराहों पर लगे हैं पेडेस्ट्रियन सिग्नल
स्मार्ट सिटी की ओर से अब से करीब चार साल पहले शहर के 49 चौराहों पर नए यातायात सिग्नल लगाए थे। इनमें पैदल यात्रियों के सड़क पार करने के लिए भी पेडेस्ट्रियन सिग्नल लगाए गए थे। यह उस वक्त चालू होते हैं जब वाहनों के लिए रेड लाइट यानी रुकने के लिए लाइट ऑन होती है। इसी दौरान जेब्रा क्रॉसिंग से पैदल यात्रियों को निकलना होता है, लेकिन जागरूकता के अभाव में इन लाइटों का प्रयोग भी कम ही लोग करते हैं। मौजूदा वक्त में शहर के सभी नए सिग्नलों पर ये सिग्नल लगे हुए हैं, जो वर्तमान में चालू हालत में हैं।
क्या करें वाहन चालक
– दिन ढलते ही हेड लाइट ऑन करें।
– नए वाहनों में ऑटो हेड लैंप विकल्प को ऑन रखें, ताकि कम रोशनी होने पर खुद लाइट ऑन हो सके।
– सड़कों पर रफ्तार लिमिट का ध्यान रखकर चलें।
– गाड़ियों के अगले बंपर को छेड़छाड़ कर न बदलें। ये बंपर पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए ही लचीले होते हैं।
– बंपर पर तीक्ष्ण लाइट न लगाएं। इससे सामने से आने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।
– गाड़ी के ब्रेक ठीक हों, इसकी समय-समय पर जांच करें।
क्या करें पैदल चलते समय
– हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग से ही सड़क पार करें।
– सड़क पार करते वक्त दोनों ओर ध्यानपूर्वक देखें।
– कोई बुजुर्ग सड़क पार कर रहा है तो उनकी मदद कर सड़क पार कराएं।
– शहर में चलने के लिए फुटपाथ का प्रयोग करें।
– फुटपाथ न हो तो सड़क के दाईं ओर चलें।
– दौड़कर सड़क पार न करें, बच्चों का हाथ पकड़कर सड़क पार कराएं

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