एसओपी जारी: तीन माह में नीलाम होंगे थाने-चौकियों में खड़े 16 हजार वाहन, पुलिस-परिवहन विभाग मिलकर करेंगे काम
Big breaking:-SOP issued: 16 thousand vehicles parked in police station posts will be auctioned in three months, police transport department will work together
पुलिस विभाग की ओर से आरटीओ को जो भी वाहनों की सूचना उपलब्ध कराई जाएगी, उस पर 15 दिन में मूल्यांकन कर आरटीओ को रिपोर्ट देनी होगी। रिपोर्ट आने के 30 दिन के भीतर नीलामी का विज्ञापन प्रकाशित होगा। नीलामी में अगर सही रेट न मिला तो 15 दिन के भीतर दूसरी नीलामी होगी।
प्रदेश के थाने, चौकियों, परिवहन दफ्तरों में विभिन्न अपराधों में पकड़े गए करीब 16 हजार वाहन तीन माह के भीतर नीलाम होंगे। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने गुरुवार को इनकी नीलामी के लिए एसओपी जारी कर दी है। इसके मुताबिक, न्यायालयों में विचाराधीन अपराधों से संबंधित वाहन भी न्यायालय की अनुमति के बाद नीलाम किए जाएंगे। गुरुवार को मुख्य सचिव ने जारी कर दी।
ये होंगे नीलामी के नियम
-आबकारी एक्ट के तहत पकड़े गए वाहनों को अगर छह माह के भीतर वाहन स्वामी छुड़ाने का दावा नहीं करता तो डीएम की ओर से ऐसे वाहनों का चिन्हीकरण करते हुए समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कर नीलामी कराई जाएगी।
लावारिस वाहनों में अगर वाहन स्वामी या बीमा कंपनी छह माह के भीतर एसएसपी, एसपी के सामने दावा पेश नहीं करते तो संबंधित थानाध्यक्ष बीमा कंपनी से संपर्क करेंगे। बीमा कंपनी न्यायालय की मदद से 30 दिन में वाहन छुड़ा सकेगी। अगर उसका पता न चले तो नियमानुसार उसकी नीलामी कर दी जाएगी। एसएसपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे वाहन एक वर्ष से ज्यादा लंबित न रहें
15 दिन के भीतर होगी दूसरी नीलामी
-जिन वाहनों से संबधित केसों में कोर्ट का फैसला आ चुका होगा, उसमें कोर्ट ऑर्डर आने के तीन माह के भीतर थानाध्यक्ष को नीलामी प्रक्रिया पूरी करानी होगी। एसपी, एसओ की एसीआर में इसकी जानकारी अंकित की जाएगी।
-पुलिस परिसर में खड़े गंभीर अपराधों से संबंधित वाहनों के अलावा सामान्य अपराधों से जुड़े वाहनों के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर सुंदर भाई अंबाला देसाई बनाम गुजरात राज्य व अन्य व जनरल इंश्योरेंस काउंसिल व अन्य बनाम आंध्र प्रदेश के तहत कार्रवाई होगी। इसमें वाहन स्वामी को न्यायालय की अनुमति से नोटिस जारी होगा। इसके बाद फोटो-वीडियो बनाते हुए कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित समिति इसकी नीलामी करेगी।
-पुलिस विभाग की ओर से आरटीओ को जो भी वाहनों की सूचना उपलब्ध कराई जाएगी, उस पर 15 दिन में मूल्यांकन कर आरटीओ को रिपोर्ट देनी होगी। रिपोर्ट आने के 30 दिन के भीतर नीलामी का विज्ञापन प्रकाशित होगा। नीलामी में अगर सही रेट न मिला तो 15 दिन के भीतर दूसरी नीलामी होगी। इसमें भी नीलामी न होने पर 15 दिन के भीतर तीसरी नीलामी होगी।
फिर भी नीलामी नहीं होती तो वह वाहन स्क्रैप में भेज दिया जाएगा।
-सभी एसएसपी, एसपी को हर महीने होने वाली क्राइम मीटिंग ऐसे वाहनों की समीक्षा करेंगे। जिला जज, डीएम, एसएसपी के बीच होने वाली मासिक मॉनिटरिंग सेल की बैठक में भी इसकी समीक्षा की जाएगी। परिवहन विभाग की ओर से जब्त किए गए वाहनों के निपटारे का मासिक परीक्षण परिवहन आयुक्त को करना होगा। पुलिस थानों से संबंधित समीक्षा डीजीपी को करनी होगी।
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