बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष… भालू और गुलदार के से बचाव के लिए दिए जाएंगे सोलर लाइट, बुश कटर
वन मंत्री उनियाल ने फॉक्स लाइट, वन्यजीवों को बेहोश करने उपकरण व अन्य संसाधनों को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कहा कि घटनाओं को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने के साथ ही घटनाओं के कारणों को जानने के लिए भी अध्ययन कराने को कहा गया है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते लोगों में भय बना हुआ है। इस संबंध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व वन मंत्री सुबोध उनियाल के बीच वार्ता हुई। इसके बाद वन मंत्री ने प्रमुख वन संरक्षक को भालू, गुलदार प्रभावित 20 प्रभागों में पचास-पचास सोलर लाइट और झाड़ियां काटने के लिए 25-25 बुश कटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
वन मंत्री उनियाल ने आवश्यकतानुसार फॉक्स लाइट, वन्यजीवों को बेहोश करने उपकरण व अन्य संसाधनों को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वन मंत्री उनियाल ने राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद, विधायक से उपलब्ध निधि से संबंधित वन प्रभागों में अनुरोध के क्रम में मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
आवश्यक कदम उठाने के निर्देश
इसके अलावा उच्च स्तर पर निगरानी के लिए सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों यथा पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तरकाशी में वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करने का भी निर्देश दिया है। वन मंत्री उनियाल का कहना है कि घटनाओं को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने के साथ ही घटनाओं के कारणों को जानने के लिए भी अध्ययन कराने को कहा गया है। वन मंत्री उनियाल ने आवश्यकतानुसार फॉक्स लाइट, वन्यजीवों को बेहोश करने उपकरण व अन्य संसाधनों को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
वन मंत्री उनियाल ने राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद, विधायक से उपलब्ध निधि से संबंधित वन प्रभागों में अनुरोध के क्रम में मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
इसके अलावा उच्च स्तर पर निगरानी के लिए सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों यथा पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तरकाशी में वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करने का भी निर्देश दिया है। वन मंत्री उनियाल का कहना है कि घटनाओं को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने के साथ ही घटनाओं के कारणों को जानने के लिए भी अध्ययन कराने को कहा गया है।

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