Big breaking :-सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत, झाड़ियों में पड़ा मिला शव - News Height
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Big breaking :-सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत, झाड़ियों में पड़ा मिला शव

सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत, झाड़ियों में पड़ा मिला शव

कोटद्वार रेलवे स्टेशन से अपराह्न 3:35 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुई श्री सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन अभी करीब तीन किमी ही चली थी कि ट्रैक को क्रॉस कर रहा हाथी ट्रेन की चपेट में आ गया।

कोटद्वार से दिल्ली जा रही श्री सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर लगने से रेल ट्रैक क्रॉस कर रहे हाथी की मौत हो गई। रेलवे एवं वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद हाथी का शव दफनाया जाएगा।

 

कोटद्वार रेलवे स्टेशन से अपराह्न 3:35 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुई श्री सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन अभी करीब तीन किमी ही चली थी कि ट्रैक को क्रॉस कर रहा हाथी ट्रेन की चपेट में आ गया। इससे हाथी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जनशताब्दी एक्सप्रेस कुछ देर घटनास्थल पर ही खड़ी रही। ट्रेन के चालक दल और गार्ड ने इसकी सूचना नजीबाबाद स्टेशन को दी। साथ मुरादाबाद कंट्रोल को भी अवगत कराया गया। इसके बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हो गई।

, ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत की जानकारी मिलने पर बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद की कौड़िया वन रेंज के रेंजर सचिन शर्मा, रेलवे के यातायात निरीक्षक पीके सिंह एवं अन्य रेल व वनकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे। हाथी का शव रेल ट्रैक की साइड में झाड़ियों में पड़ा था। समय अधिक होने के कारण हाथी के शव का पोस्टमार्टम संभव नहीं था। बताया गया कि मंगलवार सुबह चिकित्सक दल द्वारा पोस्टमार्टम करने के बाद हाथी का शव दफनाया जाएगा। बता दें कि बीते करीब डेढ़ वर्ष में एक-एक कर तीन हाथियों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है।

रेलवे ने माना दिन में नहीं आता है हाथी
रेलवे की ओर से किलोमीटर संख्या 20-21 के बीच ट्रेन की गति पर 35 किमी प्रतिघंटा का कॉशन (धीमी गति) तो लगाया गया है, लेकिन वह शाम छह से सुबह छह बजे तक के लिए ही लागू है। यानि रेलवे ने ये माना कि इन 12 घंटे के अलावा रेल ट्रैक को हाथी क्रॉस नहीं करेगा।

घटना के बाद आसपास मंडराते रहे हाथी
जिस जगह ट्रेन की चपेट में आने से हाथी की मौत हुई, उसके आसपास दो हाथी मंडराते नजर आए। घटनास्थल पर कुछ लोगों की मौजूदगी के कारण वे हाथी के शव तक तो नहीं पहुंच पाए, लेकिन हाईवे किनारे हाथियों की मौजूदगी से राहगीरों के लिए खतरा बना रहा।
साथी की मौत के बाद घटनास्थल पर मंडराते रहे हाथी
जिस जगह ट्रेन की चपेट में आने से हाथी की मौत हुई, उसके आसपास दो हाथी मंडराते नजर आए। घटनास्थल पर कुछ लोगों की मौजूदगी के कारण वे हाथी के शव तक तो नहीं पहुंच पाए, लेकिन हाईवे किनारे हाथियों की मौजूदगी से राहगीरों के लिए खतरा बना रहा। बता दें कि बीते करीब डेढ़ वर्ष में तीन हाथियों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है।

ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत की जानकारी मिलने पर बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद की कौड़िया वन रेंज के रेंजर सचिन शर्मा, रेलवे के यातायात निरीक्षक पीके सिंह एवं अन्य रेल व वनकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि रेलवे की ओर से किलोमीटर संख्या 20-21 के बीच ट्रेन की गति पर 35 किमी प्रतिघंटा का कॉशन (धीमी गति) तो लगाया गया है, लेकिन वह शाम छह से सुबह छह बजे तक के लिए ही लागू है। रेलवे का मानना है कि इन 12 घंटे के अलावा रेल ट्रैक को हाथी पार नहीं करेगा।

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Author: Swati Panwar
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