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Big breaking :-सभी राज्यों को एनसीईआरटी से उपलब्ध हो पाठ्यपुस्तकें, एनसीईआरटी की 59वीं आम सभा में शिक्षा मंत्री ने रखे कई सुझाव

*सभी राज्यों को एनसीईआरटी से उपलब्ध हो पाठ्यपुस्तकेंः डॉ. धन सिंह रावत*

*एनसीईआरटी की 59वीं आम सभा में शिक्षा मंत्री ने रखे कई सुझाव*

*कहा, बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश को 6 वर्ष की बाध्यता में मिले रियायत*

देहरादून/दिल्ली,
प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 59वीं आम सभा में कई अहम सुझाव रखे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डा. रावत ने सभी राज्यों को 12वीं कक्षा तक की पाठ्य पुस्तकें एनसीईआरटी से उपलब्ध कराने का सुझाव रखा। साथ ही बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश हेतु निर्धारित 06 वर्ष की आयु सीमा में रियायत देने तथा विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये टीचर्स ट्रेनिंग कराने की बात बैठक में रखी।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में आज एनडीएमएस सम्मेलन केन्द्र, नई दिल्ली में एनसीईआरटी जनरल काउंसिल की 59वीं बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के अनुरूप पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य शैक्षिक सामग्रियों को तैयार किया गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार हो सके। इस दौरान बैठक में एनसीईआरटी के कई प्रस्तावों को भी अनुमोदित किया गया। बैठक में प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कई अहम सुझाव रखे। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकें एनसीईआरटी के माध्मय से सभी राज्यों को उपलब्ध कराई जाय ताकि नये शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध हो सके। वर्तमान में कई राज्य अपने स्तर पर पाठ्यपुस्तकें प्राकशित कर विद्यालयों में उपलब्ध कराते हैं जिनमें तमाम खामियां सामने आती है साथ ही समय पर बच्चों को किताबें भी नहीं उपलब्ध हो पाती है। इसके अलावा उन्होंने पहली कक्षा में बच्चों के प्रवेश के लिये 6 वर्ष की आयु सीमा में रियायत देने की बात रखी और कहा कि उम्र की बाध्यता के चलते इस शैक्षिक सत्र में कई बच्चे प्रवेश से वंचित रह गये हैं। उन्होंने सभी राज्यों में बालवाटिका लागू करने का भी सुझाव दिया। बैठक में उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये एनसीईआरटी को टीचर्स ट्रेनिंग पर विशेष फोकस करना चाहिये ताकि राज्य भी एससीईआरटी के माध्यम से अपने प्रदेश के शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर विशेष प्रशिक्षण देकर एनईपी-2020 के अनुरूप दक्ष बना सके। डॉ. रावत ने कहा कि निपुण भारत योजना के तहत उत्तराखंड में अच्छा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एनईपी-2020 की अनुशंसा के अनुरूप सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में बैगलेस डे लागू कर दिया गया है और बच्चों के बस्ते का बोझ भी मानकों के अनुरूप कर दिया गया है, इसके अलावा राज्य में कलस्टर विद्यालय भी बनाये जा रहे हैं। डॉ. रावत ने प्रदेश में पीएम-श्री स्कूल के अंतर्गत चयनित अन्य विद्यालयों को स्वीकृति प्रदान करने तथा एनसीईआरटी की आमसभा की अगली बैठक उत्तराखंड में आयोजित करने की मांग केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी।

 

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Author: Swati Panwar
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