सचिवालय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन, फील्ड स्टाफ को इंतजार; OPS पर भेदभाव क्यों?
अक्तूबर 2005 से पहले जिनकी भर्ती के विज्ञापन जारी हो चुके थे, उन्हें भी लाभ के दायरे में लाया गया। केंद्र स्तर से आदेश होने के बाद उत्तराखंड कैबिनेट से भी आदेश हुए। हालांकि ये आदेश पूरे प्रदेश में सिर्फ सचिवालय के कर्मचारियों के लिए ही लागू हुए।
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उत्तराखंड में कर्मचारियों से भेदभाव हो रहा है। सचिवालय में 2011 तक के कर्मचारी पुरानी पेंशन के दायरे में आ चुके हैं। दूसरी ओर फील्ड में 10 हजार कर्मचारी अभी भी सचिवालय कर्मचारियों की तरह लाभ मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
अक्तूबर 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। बाद के वर्षों में कर्मचारियों को विभिन्न तरह की रियायतें दी गईं। ऐसे कर्मचारी, जिनकी भर्ती का प्रस्ताव (अध्याचन) अक्तूबर 2005 से पहले जा चुका था, उन्हें भी लाभ देने के केंद्र ने आदेश किए।
अक्तूबर 2005 से पहले जिनकी भर्ती के विज्ञापन जारी हो चुके थे, उन्हें भी लाभ के दायरे में लाया गया। केंद्र स्तर से आदेश होने के बाद उत्तराखंड कैबिनेट से भी आदेश हुए। हालांकि ये आदेश पूरे प्रदेश में सिर्फ सचिवालय के कर्मचारियों के लिए ही लागू हुए। सचिवालय में ऐसे 2011 तक के कर्मचारी ओपीएस के दायरे में आ चुके हैं।
इन्हें नहीं मिला लाभ
पुलिस में ऐसे 3000 कर्मचारी हैं, जिन्हें सचिवालय की तरह पुरानी पेंशन का लाभ मिलना है। शिक्षा विभाग में 1000 से अधिक कर्मचारी, शिक्षकों को लाभ मिलना है। लोनिवि, सिंचाई, जल निगम, जल संस्थान, वन विभाग, ऊर्जा निगम समेत अन्य विभागों में 10 हजार से अधिक कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं। जो ओपीएस के दायरे में आ सकते हैं।
पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा का आंदोलन जारी
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड ने पुरानी पेंशन बहाली को आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रखा। प्रदेश भर में मोर्चा से जुड़े कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी काली फीती बांध कर काम किया। प्रांतीय प्रभारी बिक्रम सिंह रावत ने कहा कि सरकार से केवल एक ही मांग है कि वो बिना किसी संशोधन के ओपीएस बहाल करे। प्रांतीय अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि आठ सालों से मोर्चा आंदोलनरत है। ऐसे में कर्मचारी केंद्र की यूपीएस को किसी भी सूरत में नहीं मानेंगे।
कर्मचारियों का पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन का ऐलान
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन (एनएमओपीएस) ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। एनएमओपीएस प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि एनपीएस की तरह केंद्र सरकार की नई यूपीएस योजना भी कर्मचारियों के साथ छलावा है।
इसे लेकर पूरे देश में गुस्सा है। कर्मचारियों को सिर्फ और सिर्फ पुरानी पेंशन योजना ही चाहिए। इसे हासिल करने को लेकर नए सिरे से आंदोलन होगा। एनएमओपीएस की बुधवार को हुई ऑनलाइन बैठक में अध्यक्ष पैन्यूली ने कहा कि 29 अगस्त को एक्स पर अभियान शुरू किया जाएगा। कर्मचारी ओपीएस के समर्थन में पोस्ट करेंगे।
दो से छह सितंबर के बीच काली पट्टी बांध विरोध जताया जाएगा। 15 सितंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। 26 सितम्बर को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होगा। इसके बाद भी ओपीएस बहाल नहीं होती, तो संसद भवन का घेराव किया जाएगा।
पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग
गवर्नमेंट वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष बच्ची सिंह रावत ने पुरानी पेंशन (ओपीएस) को बहाल करने समेत अन्य मांगों का समाधान करने की मांग उठाई। इसके साथ ही राशिकरण वसूली की समय अवधि बारह साल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिनके बारह साल हो गए हैं, उनकी कटौती बंद की जाए।
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