एसडीआरएफ ने ड्रोन से लिए खीर गंगा उद्गम स्थल के 400 फोटो, वाडिया संस्थान को भेजे
शासन ने आपदा के कारणों की जांच के लिए वाडिया संस्थान समेत अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों की टीम का गठन किया था। इस टीम ने 14 अगस्त से पहुंचकर पड़ताल शुरू की थी।
एसडीआरएफ की टीम ने खीर गंगा उद्गम स्थल के करीब 400 फोटोग्राफ वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान को भेजे हैं। वैज्ञानिकों की टीम अब इन फोटोग्राफ के माध्यम से भी अध्ययन करेगी। संभावना है कि इन चित्रयों के माध्यम से भी आपदा के कारणों का पता चल सके।
शासन ने आपदा के कारणों की जांच के लिए वाडिया संस्थान समेत अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों की टीम का गठन किया था। इस टीम ने 14 अगस्त से पहुंचकर पड़ताल शुरू की थी। टीम ने हवाई सर्वे के माध्यम से खीर गंगा (इसी के मलबे से धराली में भारी नुकसान हुआ था) के कैचमेंट एरिया को देखने और आपदा के कारणों को जानने की कोशिश की थी, लेकिन पूरा क्षेत्र नहीं देखा जा सका।
दूसरी तरफ एसडीआरएफ की टीम इस दुर्गम क्षेत्र में ट्रेकिंग करके पहुंची और ड्रोन के माध्यम से खीर गंगा के उद्गम स्थल के करीब चार सौ फाेटो खींचे हैं, इन्हीं फोटो को वाडिया संस्थान को भेजा गया है। एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय लोगों और चरवाहों से बातचीत कर भी जानकारी जुटाई है। इंसीडेंट कमांडर व आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी ने फोटोग्राफ भेजे जाने की पुष्टि की है।
वहीं, शासन ने आपदा के कारणों को जानने के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की है, उसकी रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग इस सप्ताह मिलने की संभावना है। उससे ही अधिकृत जानकारी सामने आ सकेगी। पर सूत्रों के अनुसार अभी प्रथमदृष्टया आपदा का कारण बादल फटना ही लग रहा है। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन का कहना है कि इस संबंध में विशेषज्ञों की टीम का काम कर रही है। अभी रिपोर्ट मिलना बाकी है, रिपोर्ट मिलने के बाद ही उससे जुड़ी जानकारी दी जा सकती है।

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